आज में साधक मित्रो के लिए मोहिनी विधा लेकर आया हु आप इस विधा का प्रयोग करके किसीको भी मोहित कर सकते हो, वशीकरण और मोहिनी में बहुत फर्क हे, वशीकरण करके आप किसीको भी वशीभूत कर सकते हो और मोहिनी का प्रयोग करके आप किसी को भी मोहित कर सकते हो,
आज में जो यहाँ मोहिनी विधा लेकर आया हु वो विधा इंद्रजाल की विधा हे और इसमें जो मंत्र होता हे वो चौपाई की तरह कार्य करता हे और मंत्र में ही इसकी विधि दी जाती हे बस साधक को उस विधि का अनुसरण करना पड़ता हे,
भगवान् श्री कृष्ण के पास भी मोहिनी थी और वो मोहिनी का प्रयोग करके गोपी को मोहित करते थे, तो चलिए विस्तार से जानते हे मोहिनी विधा क्या हे और ये कैसे काम करती हे उसके बारे में विस्तार से जानते हे,
मंत्र
शनि सोहरनी होय किसी की तब यह जतन आवे।
खिचड़ी जो बनाय ले जावे तिसके पीछें जावे ॥
मुर्दा जहां जराया जावे उस खिचड़ी को नाखे।
वे सब लोग फिरे जब देखें कागन आगे चाखे ॥
कुल्हड़ा में कुछ बचे सो खिचड़ी तिहि को ले उठ चाले।
नीव सामने आवे तासों मारे कुल्हड़ा डाले ॥
चावल लगें नीव और भूपर न्यारे २ लावे।
गूगर खै चौराहा गाड़े प्रति शनि भोग दिलावे ॥
धरे भोग में एक बतासा गूगर मन की धारा।
बीत जायं जब सातशनिचर लाय धरे निज द्वारा ॥
चले चित जब किसी नारि पर चावर नींव चलावे।
तन मन धन नौछावर करके बिना बुलाई आवे ॥
जब चाहे संग उसका छोड़े भूवर चावरे खावे।
तोता की सी आंख फेर कर तुरन्त निकसि चलि जावे ॥
जो साधक मोहिनी विधा का प्रयोग करना चाहता हे वो साधक उपर्युक्त चौपाई को ठीक से पढ़े और इसमें जो सामग्री का उल्लेख किया गया हे वो सब सामग्री का इस्तेमाल करे और विधि का अनुसरण करे फिर प्रयोग करे,
इस तरह साधक मोहिनी विधा का प्रयोग करके किसीको भी मोहित कर सकता हे.
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