विघ्ननाशक सर्वार्थ

विघ्ननाशक सर्वार्थ सिद्धि योग यानि की सवार्थ सिद्धि योग मंत्र इस मंत्र की सिद्धि जो कोई साधक हासिल करता हे वो साधक हर कार्य को सफल कर सकता हे उसके लिए कोई भी कार्य कठिन नहीं रहता, इस मंत्र की सिद्धि के बारे में में आज आपको विस्तार से बताने वाला हु,

तो चलिए विस्तार से जानते हे  विघ्ननाशक सर्वार्थ सिद्धि योग मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

सवार्थ सिद्धि योग मंत्र कई प्रकार के होते हैं, जो व्यक्ति को उच्च स्तर की सफलता, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख सवार्थ सिद्धि योग मंत्र हैं:

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: यह महालक्ष्मी मंत्र है और धन, समृद्धि, और सौभाग्य के लिए प्रसिद्ध है।

ॐ गं गणपतये नमः: गणेश जी का मंत्र है जो सफलता, समृद्धि, और बाधाओं को दूर करने में सहायता करता है।

ॐ नमः शिवाय: यह शिव मंत्र है जो मानसिक शांति, सुख, और सफलता प्रदान कर सकता है।

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः: यह लक्ष्मी मंत्र है, जो धन, समृद्धि, और सौभाग्य को बढ़ाने में मदद करता है।

योग मंत्रों का उच्चारण और उनकी समझ से पूर्ण लाभ होता है, और इनका नियमित जाप ध्यान और आध्यात्मिकता के साथ किया जाता है। इन्हें सही तरीके से जापने के लिए गुरु की मार्गदर्शन का सहारा लिया जा सकता है।

विघ्ननाशक सर्वार्थ

मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः

श्री गणेश जी का पूजन करके या उन्हें नमस्कार

करके उपर्युक्त मंत्र का प्रति दिन भोजन से पूर्व

शुद्ध होकर पांच हजार जप करें। यों २५० दिनों

तक करने का विधान है, कम-से-कम २५ दिन तो

करना ही चाहिये। अनुष्ठान के समय ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है।

इस तरह साधक विघ्ननाशक सर्वार्थ सिद्धि योग मंत्र का प्रयोग करके सर्व कार्य की सिद्धि हासिल कर सकता हे.

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