आज में आपको सुमुखी किन्नरी साधना देने वाला हु इस किन्नरी को सिद्ध करके साधक उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे, ष्ट किन्नरी में से एक सुमुखी किन्नरी हे और इसकी सिद्धि ज्यादातर किन्नर समाज के लोग करते हे और उसको किन्नरी की सिद्धि भी तुरंत हासिल हो जाती हे, किन्नर जो होते हे उसके पास किन्नरी साधना की गुरुमुखी विधि होती हे और उस गुरु मुखी विधि से वो सिद्धि हासिल करते हे,
कोई साधक अगर किन्नर को गुरु बनाकर इस साधना को करता हे तो उसको तुरंत सिद्धि मिल सकती हे क्योकि किन्नर समाज के लोग इस विधा को बहुत अच्छी तरह से जानते हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे सुमुखी किन्नरी साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
” ॐ सुमुखि स्वाहा”
साधन विधि
साधक को चाहिए कि वह प्रतिदिन पर्वत के शिखर पर चढ़कर मांसाहार प्रदान पूर्वक उक्त मन्त्र का दस सहस्त्र की संख्या में जप करे। जप के अन्त में ‘सुमुखी किन्नरी’ साधक के समीप आकर मौनभाव से उसका चुम्बन और आलिंगन करती है।
तदुपरान्त प्रसन्न होकर उसकी पत्नी बन जाती है और साधक को प्रतिदिन उत्तम भोज्य पदार्च तथा आठ स्वर्ण-मुद्रा प्रदान करती है।
किन्नर को साधक अगर पत्नी के रूप में रखेगा उसकी सेवा साधना और पूजा पाठ पत्नी के रूप में करेगा तो उसको जल्द से जल्द सिद्धि प्राप्त हो सकती हे, किन्नर साधक का हर कार्य करती हे और पूर्ण रूप से साधक की रक्षा करती हे और साधक की हर इच्छा को पूर्ण करती हे,
इस तरह साधक सुमुखी किन्नरी साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे और अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे, जब किन्नरी आपका कार्य पूर्ण करे तब आप उसको मीठा भोग भी दे सकते हो.
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