गर्भ धारण करने

        जिस महिला के बच्चे बीच में ही खराब हो  जाते हो ठीक करने के लिए और गर्भ रहता ना हो उस औरत के लिए ये मंत्र कारगर साबित होता हे,जिस महिला को पेट के अन्दर ही बच्चा सुख जाता हे उसके लिए भी इस गर्भ धारण करने का मंत्र उपयोगी साबित होता हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे गर्भ धारण करने का मंत्र कैसे उपयोग में लिया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.

गर्भ धारण करने

मंत्र

सत की घडी सत का पुत

गृहस्थ की तरफ चला अवधूत

जिसके घर में नारी बाँझ

गोरक्ष ठहरा उस घर की सांझ

गोरक्ष ने उठाई भभूति

भागे सब भूत पिशाच

नारी की कौख की बन गई आस

गोरक्ष चल अपने गाँव

गंगा जी में आ बैठे नाव

सम्पूर्ण हो सब के सब गाँव

जो भी गोरक्ष को याद करे

रहे गोरक्ष की छाव

इति सिद्धम्

सिद्ध करने का विधान और प्रयोग

जिस चूल्हे में खाना पकाया जाता हो उसकी राख इस मन्त्र से पढ़कर सवा महीने तक खिलानी है और ॐ शिव गोरक्ष का जाप करना है। नारी को इस मन्त्र को गुग्गल की धूनी जलाकर चिराग लगाकर 108 बार करके मनन करने के बाद राख पढ़कर खिलानी है।

जिस महिला के बच्चे सूखकर पैदा होता हो या अन्दर ही सूख जाता हो ठीक करने का मन्त्र

मंत्र

पार्वती चली शिव के धाम

त्रिलोक में पहुँचा पैगाम

पृथ्वी लोक पर होने लगा गान

नर नारी बच्चे सब सुख धाम

काया बन गई सुरभियान

नारी को पार्वती ने किया बखान

जा नारी तेरा गर्भ हो धाम

बच्चे तेरे सुखी जन्में पूर्ण हो जाय काम

चली पार्वती शिव के धाम

इति सिद्धम्

देशी सफेद गाय का दूध और गंगाजल पर पढकर पिलाना है सवा महीने सिद्ध करने के लिए सोमवार को शिव पार्वती की घी की ज्योत जलायें। 108 बार माला जाप करे फिर मनन करें जब लय हो जाय झाड करनी है और दूध गंगा जल पढ़कर पिलाना है।

ये दोनों मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे आप इनमे से कोई भी मंत्र का प्रयोग कर सकते हो गर्भ धारण करने का ये बहुत ही शक्तिशाली शाबर मंत्र हे.

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