जिस भी जातक को ग्रह पीड़ा हे उस व्यक्ति का जीवन हराम हो जाता हे शादी में रूकावट,काम में रूकावट और कभी कभी शारीरिक कष्ट का भी सामना करना पड़ता हे,आज में आप सभी साधक मित्रो के लिए ग्रह पीड़ा दूर करने के लिए शक्तिशाली मंत्र की विधि लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप ग्रह पीड़ा को आसानी से दूर कर सकते हो,

तो चलिए विस्तार से जानते हे ग्रह पीड़ा दूर करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

मंत्र

शनि का यन्त्र चला महामण्डल में

किया सन्देश शनि के देश

पहुंचा सन्देश हुआ आदेश

नर नारी पीड़ा सहे शनिदेव का यह नहीं आदेश

शनि देव ग्रहों में महादेव

सत्य से पूजे हर हर देव

ग्रह पीड़ा हरे नर नारी की

शनि की ज्योत लगाओ

तेल का दीपक जलाकर

सिर से पैरों तक लेकर

धरती में चढ़ाओ या पीपल पर ज्योत जलाओ

शनि देव को मनाओ

संसार के नर नारियों आओ आओ

शनिदेव को खुशियों से मनाओ

इति सिद्धम्!!

जिस भी जातक को शनि ग्रह की पीड़ा हे या शनि की साढ़ेसाती हे तो उस जातक को नित्य उपर्युक्त ग्रह पीड़ा दूर करने का मंत्र २१ बार जाप करना चाहिए और शनिवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमानजी को चोला चढ़ाना चाहिए,

श्री शनिदेव मन्त्र

मंत्र

शनि ब्रह्मयामिः याजुरितमः प्रवाहजियमः

वास्तुवियमः संसारमः व्याज्ञयरितमः महाभावनः

यज्ञुतरीजमः आस्थानि युगमः परिजयन्तिमः संसारम

शनिः भजः जगत् पृथ्वी लोकयात्यानि शिखिकायनि

शनि यातुक्तरिजमः परिभा जगतमः

महापुन्यमः पृथ्वी लोकमः मनुष्यमः भ्रमाणिजयः

सहशक्तियमः संसारम:

इति सिद्धम्!!

ग्रह पीड़ा दूर करने

बुध ग्रह के लिए

निवारण

सफेद कपड़ा सवा मीटर लाओ उस कपड़े में हल्दी से 21 जगह ॐ लिखो लिखकर पीपल पर लटका दो उस कपड़े पर ॐ वह मनुष्य लिखेगा जिसके ऊपर बुध ग्रह दोष हो और सवा महीने तक गोचनी ओर दूध चढ़ाओ थोड़े गेहूं और थोड़े चने दूध में डालकर बुधवार के दिन पीपल पर चढ़ाओ इससे बुध ग्रह दशा समाप्त हो जायेगी।

बुध ग्रह

निवारण

सोमवार से बुधवार तक हर सप्ताह कनेर के पेड़ पर दूध चढ़ायें और जिस दिन शुरूआत करें उस दिन कनियर के पेड़ पर संकल्प करके पेड़ की जड़ों में कलावा बाँध देवें पाँच सप्ताह तक यह कार्य विधि सोमवार से बुधवार तक करें, यह विधि करने से बुधवार की दृष्टि शुभ वातावरण में बदल जायेगी।

श्री बुद्ध ग्रह मन्त्र

मंत्र

बुद्धश्यान्ति ब्रह्मयामि,

तेजस्वी यथा यथा सितम

अग्निहोत्री बुद्धग्रह अस्ती, पिताम्बर

तेजस्वी वनस्पतियायाम्

जमुष्डस्वति, भारयन्ति

शिरौमणी बुद्धयामि बुद्धयामि हाष्ययामी,

जडस्वी पिताम्बरम् जाम्बनिम्न, तारिणी

चन्द्र सूर्य फिरूस्यति

जामनियागिरि बुद्धयामि,

फारस्वामि, कडस्वी, नमः यामि नमः यामिः

जडस्वी बुद्धयामि

इति सिद्धम्!!

श्री मंगल ग्रह

मंत्र

मांगलेस्त्री त्रिकाल मिरूयामि,

पारयामि जसडवति, पारयन्ति,

भारमति मांगलिक भ्रमयामि,

युगे युगे जन्म मृत्युयामि,

भ्रासमभ्रान्ति फलती फलती

अनिन्द्री प्रविष्ठान्ति, पविन्ती जामोयामि,

फुलकायानामी, रानामानाप्ति,

नर्मदा मंगलयामी

चन्द्र फिरूश्यति, च्यानि च्यानि,

मंगल मात्रे

जल वनस्पति अपर्णायायाम्

जाग्रति जाग्रति

इति सिद्धम्!!

सूर्य ग्रह का अनिष्ट प्रभाव दूर करने का मन्त्र

मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥

विधि :

इस मन्त्र का ७००० (कलियुग में २८ हजार) जाप रविवार को सूर्योदय के समय हवन आदि से करें तो सूर्य ग्रह का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा।

इस तरह साधक ग्रह पीड़ा दूर करने के लिए इन मंत्र का प्रयोग कर सकता हे और ग्रह पीड़ा दूर कर सकता हे.

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