हमारे तंत्र शास्त्र में बहुत सारे मंत्र मिल जाते हे ऐसा कोई काम नहीं हे जिसका मंत्र ना मिले आपको हर एक कार्य करने के मंत्र मिल जाते हे, में आज पोस्ट में आपके लिए चोरी का पता लगाने के लिए एक शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु,
तो चलिए विस्तार से जानते हे चोरी का पता लगाने का शक्तिशाली मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे ऊसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र:-
नरसिंह पोथी आन न होइ, दोहाई।
नारसिंह की। विहङ्गम विहङ्गम स्वाहा । नारसिंह की जो आन।
होइ । क्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीं भ्री, द्रीं द्रीं, झी झी, त्रीं त्री, वीं वीं, नीं नी, क्रीं क्रीं, फ्री फ्री, गीं ग्री, स्त्री स्त्री, वीं वी, प्रीं प्री, तहत हय हय, हस हस, दह दह, मह मह, क्लीं क्रीं द्रीं ह्रीं, फ्री फ्री मी श्रीं भी, प्रीं श्रीं श्रीं, काकि आका कर प्रहहु । जो किरपा, सो भली। किरपा जो करते हैं, सो भलो करते हूहि । दोहाई नारसिंह की।
विधि:-
उपर्युक्त मन्त्र पढ़कर गेहूँ के आटे की गोलियां बनाए। तब एक कोरी (नई) हाँडी (घड़ा) में पानी भरे। एक-एक गोली पानी में छोड़े। हाँड़ी के नीचे निम्न मन्त्र लिखकर रखे।
‘साहू बूई, चोर उतिराय।’
चोर पकड़ने का मन्त्र
मंत्र:-
वारी की नजरि बाँधौ, पुरुष देस की कामरू विद्या । जहाँ बैठी जाग जोगिनो । जाग जोगिनी की बेटी फूलमती। चोरी मानी च भोगिनी । उत्तर बस सिहिनी । दवरि धूप के विलिषो देसिन्हि, आमुड वारा होता विहान । पकड़ि मैगावो । दोहाई लोना चमारिन की। दोहाई छत्तीस कोटि देवता की।
विधि–
कार्तिक मास की अमावास्या की रात्रि में उपर्युक्त ‘मन्त्र’ को जगाए । रविवार या मगलवार के दिन चौका दे। मन्त्रोच्चारण करते हुए अक्षत छोड़ता जाय । चोर की पीठ पर निशान पड़ जायेंगे और वह पकड़ा जायेगा।
साधक इस तरह चोरी का पता लगाने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कर सकता हे और चोर को भी आसानी से पकड़ सकता हे.
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