इस पोस्ट में हम दीपो जोपडी और जहू जोपडी की सिद्धि कैसे होती हे और उसकी साधना कैसे होती हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे,
एक साधना करके साधक दोनों की सिद्धि प्राप्त कर सक्ता हे ये मंत्र शाबर मंत्र हे इसमें कभी गुजराती और कभी हिंदी का प्रयोग होता हे तो मंत्र का जाप ध्यान से करे शब्द में कोई फेरफार अपने तरीके से नहीं करना चाहिए जो मंत्र दिया हे वेसी तरह ही जाप करना हे क्योकि ये मंत्र शाबर मंत्र हे इसको सिद्ध करते समय शब्द में फेरफार होगा तो आपको सिद्धि नहीं मिलेगी.
मंत्र
ॐ गुरूजी दिपो जापड़ी वज्र से लंक कूद,हमारी दिपो जापड़ी,पाछी पड़े तो रखिया जोपडी की दुहाई फरे,
हाल जोपडी आज्ञा गत लावू, ३ लाख ८८ हजार ओलिया पीर बतावे,
तीन लोक में आया मेरा घोडा मेरा वागा,
देख देख जोपडी ओलिया पीर बतावु,
वचन चुके तो उभी सूखे,जय मेलडी कर जोपडी,सिंगार पेरावु,
जहू पर सिंगार कबर बसाउ,जहू जोपडी खड़ी,
शब्द साचा पिंड काचा फलो मंत्र ईस्वर की वाचा!!
सामग्री
स्त्री का श्रृंगार,एक नारियेल,गूगल और लोबान का धुप,स्फटिक की माला
सिद्ध करने की विधि और विधान
दीपो जोपडी और जहू जोपडी की साधना नवरात्री में कर सकते हे साल में तीन नवरात्री आती हे इसमें साधक कोई एक नवरात्री में साधना कर सकता हे, ये साधना ११ दिन की हे साधना के दरमियाँन ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरुरी हे,
साधना रात १ बजे शुरू होगी,साधना से पहले जो सामग्री हे उसको अपने पास ही रखे और फिर गुरु पूजन करके और अपने इष्ट देव का स्मरण करके हाथ में पानी लेकर संकल्प ले,
गूगल लोबान का धुप करे और अपनि चारो तरफ गुलाब के इत्र का छिडकाव करे,शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करे और ये दीपक साधना के दरमियाँन जलता ही रहना चाहिए ११ दिन तक खंडित नहीं होना चाहिए,फिर स्फटिक की माला से उपर्युक्त मंत्र की ५ माला करे ये विधि लगातार ११ दिन तक करनी पड़ेगी साधना बिच में या साधना के आखरी दिन कभी भी दीपो जोपडी और जहू जोपडी आपको दर्शन दे सकती हे जब दर्शन दे तब साधक को माता को स्त्री का पुरे परा श्रुंगार और नारियेल दे देना हे फिर आप माता से अपना वचन ले सकते हे,
साधना के आखरी दिन साधक को दशांश हवन करना जरुरी हे दीपो जोपडी और जहू जोपडी साधना बहुत ही खतरनाक और शक्तिशाली साधना हे इसलिए कोई तांत्रिक या गुरु की देखरेख में ही ये साधना करे क्योकि गुरु की देखरेख में ये साधना करोगे तो साधक को ये साधना करने में कोई कठिनाइया नहीं आयेगी.
प्रयोग
इस तरह जहू जोपडी और दीपो जोपडी की सिद्धि मिल जाने के बाद साधक कोई भी तांत्रिक क्रिया कर सकता हे कोई भी षट कर्म कर सकता हे.
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