आप कोई भी देवी शक्ति की साधना कर रहे हो और वो शक्ति जागृत नहीं होती हे तो आप इस मंत्र से देवी शक्ति को जागृत कर सकते हो,अगर कोई देवी शक्ति का बंधन हो गया हे और उसकी सवारी नहीं आती हे या काम बनते नहीं हे तो ऐसी परीश्थिति में इस मंत्र से आप उस देवी शक्ति को जागृत कर सकते हे,
आप कोई साधना करते हो तो पहले आपको इस मंत्र को सिद्ध कर लेना चाहिए क्योकि इस मंत्र से आप आसानी से उस शक्ति को जागृत कर सकते हो और आपकी साधना भी तुरंत सफल हो जाती हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे इस मंत्र की सिद्धि कैसे करे और देवी शक्ति को जागुत कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.
मंत्र
कुल में तुलसी आव निहार,देव देवी जोरल हम हाथ,
कुछ दिये पुता,जस दिये भगवत पिता,
दोहाय माय भगवती की…!
विधि
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए एक दिन की साधना हे पर आपको होली,दीपावली या नरक चतुर्दशी के दिन आपको इस मंत्र की सिद्धि करनी पड़ेगी,साधना से पूर्व गणेश पूजन करे और अपने कुलदेवता का पूजन करे फिर काली हकिक की माला से उपर्युक्त मंत्र की ५१ माला करे,साधना के दरमियान सुगन्धित धुप्बत्ति जलाये और शुद्ध गाय के घी का दीपक प्रज्वलित करे,
५१ माला आपको एक ही बैठक में पूरी करनी हे साधना को बिच में ना छोड़े,जब साधना पूरी हो जाये तो एक छोटा सा हवन करे आपकी साधना परिपूर्ण हो जाएगी,
(जिस दिन आप साधना करो चाहे होली,दीपावली या नरक चतुर्दशी हो साल में एक बार उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध कर ले)
प्रयोग
जब कोई देवी शक्ति को बुलाना हो या कोई भी देवी शक्ति का बंधन हो गया हो तो उपर्युक्त मंत्र को २१ बार बोलके उस शक्ति को बुलाने से वो शक्ति तुरंत जागृत हो जाएगी और आप जो पूछोगे उसका जवाब आपको उस शक्ति से मिल जायेगा,
इस तरह साधक देवी शक्ति को जागृत करके कोई भी शक्ति से बातचीत कर सकता हे और अपना कार्य करवा सकता हे.
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