इस मंत्र की खासियत ये हे की आपकी राशी उड़ गयी हे या राशी बर्बाद हो गयी हे तो आपको इस मंत्र की सिद्धि करनी चाहिए, इस मंत्र की सिद्धि करके साधक नाज की राशि वापस ला सकता हे,
इस शाबर मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली मंत्र माना जाता हे क्योकि इस मंत्र के अन्दर ५२ वीर और ६४ जोगनी का चलाव किया जाता हे जो बहुत ही शक्तिशाली देवी शक्ति हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे नाज की राशि उडावा का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका प्रयोग कैसे होता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो हूंकालूं ६४ जोगिनी हुंकालूं ५२ वीर
कार्तिक अर्जुन बीर बुलाऊं आगें ६४ वीर
जल-बन्ध बलबन्ध आकाशबन्ध पौन बन्ध दीन
देश की दिशा बन्ध, उतरे तो अर्जुन राजा दक्षिणे
तो कार्तिक बीर्य राजा असमान भो ५२ वीर गाजें
नीचें तो ६४ जोगिनी विराजें परितो पासि चल्यावें छपन्या भैंरु राशि उड़ावें एक बंध आसमान में दूजा बंध राशि घर में ल्याया शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा सत्तय नाम उप देश गुरु का।
विधि-
दिवाली की रात्रि को बन में जाय,
सुस्सा की मेंगनी लावे तिनको २१ बार मंत्र के
राशि पर घर का आप घर जावे तो रास सब की
सब चली आवे ।
इस मंत्र की सिद्धि साधक को गुप्त रखनी पड़ती हे अगर साधक इस मंत्र का जिक्र करेगा तो उसकी सिद्धि नष्ट हो सकती हे ईसलिए साधक को इस मंत्र को गुप्त रखना पड़ेगा,आपके पास सिद्धि मिल जाने के बाद आप किसीको ये मंत्र देना चाहते हो तो आप दे सकते हो पर सिष्य को भी इस मंत्र को गुप्त रखना पड़ेगा,
इस तरह साधक नाज की राशि उडावा का मंत्र को सिद्ध कर सकता हे और राशि को वापस घर पे ला सकता हे.
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