आज में इस पोस्ट में पितृ देव के बारे में चर्चा करने वाला हु,जब हमारे पूर्वज हो या हमारे परिवार में किसीकी आकस्मिक मृत्यु हो जाये तब उस इन्सान को शांत करने के लिए और उसकी आत्मा को मोक्स दिलाने के लिए विधि करनी पड़ती हे तब जाके उसको मोक्स की प्राप्ति होती हे,अगर उसकी सही तरीके से विधि ना की जाये तो उसकी आत्मा भटकती हे और उल्टा वो सबको परेशान करते हे,

पितृ देव भी देवी शक्ति की तरह काम करने में सक्षम होते हे,पितृ की खासियत ये हे की वो सात्विक काम करते हे अगर उसको काला जादू करने को बोलोगे तो वो नहीं करेगा क्योकि ये शक्ति सात्विक शक्ति हे और देवी शक्ति के बंधन में रहेकर काम करती हे,

पितृ देव को शांत करने का और उसको बुलाने का मंत्र आज में आपको दे रहा हु जिसका प्रयोग करके आप पितृ देव को जागृत करके उसको शांत कर सकते हो.

पितृ देव

मंत्र

तेरह दिनों का हुआ भण्डारा!

जिसमें निकले पित्र तुम्हारा!

पूर्वजों का हुआ उद्धार!

जब की गंगा जी की पुकार!

सिद्धों की जब चली धर्म की नाव!

उस पर बैठे शिव के दूत पखार!

पूर्व की झड चली फुआंर!

त्रियोदशी की नाव में बैठे पित्रपवार!

जो भगत पूजे पित्र हो जाय पार!

जय जय गंगा जी की पुकार!

विधि विधान      

इस मन्त्र से पित्रगणों का कल्याण गंगा जी के द्वारा होता है जो भी इस मन्त्र को करके रोज सूर्य को जल चढ़ायेगा वह पित्रों को शान्त करेगा और पूर्वजों का उद्धार करेगा।

उपर्युक्त मंत्र प्राचीन मंत्र हे और गुप्त मंत्र हे इसका जाप करने से और सूर्य देव को जल चढाने से पितृ दोष समाप्त हो जायेगा और वह शांत हो जायेगा,इस तरह आप इस मंत्र का प्रयोग करके पितृ देव को शांत कर सकते हो.

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