आपके लिये आज में इस पोस्ट में भाग्य जगाने का मंत्र लेकर आया हु इसकी सिद्धि करके आप अपने भाग्य को जगा सकते हो आपका भाग्य यानि की किस्मत साथ नहीं दे रहा हे तो आपको इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए,इस मंत्र की सिद्धि से आपके बिगड़े कार्य बनने लगेंगे और आपका जीवन सुखमय होने लगेगा,
तो चलिए विस्तार से जानते हे भाग्य जगाने का मंत्र कैसे सिद्ध करते हे और उसको सिद्ध करने का विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
मन्त्र महामनि विषय ब्याल के।
मेटत कठिन कुअंक भाल के ॥
विधि
हल्दी की गाँठों की माला लेकर इस मन्त्र का ११०० जप नित्यप्रति ६ मास तक करते रहने से भाग्य अनुकूल हो जाता है। इस मंत्र के प्रयोग से भाग्य की विडम्बनाओं का नाश किया जाता है।
सौभाग्य एवं सुख समृद्धि के लिए मन्त्र
मंत्र
भव भेषज रघुनाथ जसु, जे गावहिं नर नारि ।
तिन्हकर सकल मनोरथ, सिद्ध करहिं त्रिपुरारि ।
क्षेमकरी करी कर क्षेमविशेखी ।
श्यामा वाम सुतरु पर देखी ॥
जग सोई। पुत्रवती युवती
रघुपति भक्त जासु सुत होई ॥
अचल होय अहिबात तुम्हारा ।
जब लगि गंगजमुन जलधारा ॥
बारहि बार लाइ उर लीन्हीं।
धरि-धीरज सिख आशिश दीन्ही ॥
जो रघुपति चरणन चितलावै।
तेहिसम धन्य न आन कहावै।
यह भांति गौरि आशिश सुनि।
सियसहित हिय हर्षित अली ॥
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि-पुनि ।
मुदित मन मन्दिर चली ।
विधि
दीपावली की रात्रि को लक्ष्मी पूजन करके जानकी की पूजा करें और फिर इस मन्त्र के लगातार पाठ करते रहें जब तक कि सूर्योदय न हो जाये। प्रात: के समय इसी मन्त्र को जपते हुए गूलर के वृक्ष के पास जायें। एक पान सुपारी, दो लड्डू, धूप-कपूर तथा रोली चढ़ा करके इस मन्त्र के २१ पाठ करें और फिर उस वृक्ष का एक गूलर तोड़ लायें और धन स्थान में रखें तो सौभाग्य एवं सुख समृद्धि साधक के अनुकूल होते हैं।
इस तरह साधक भाग्य जगाने का मंत्र का प्रयोग करके अपना भाग्य बदल सकता हे और सुख समृद्धि प्राप्त कर सकता हे.
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