महाकाली साधना और उपासना

आज में यहाँ जो मंत्र लेकर आया हु वो मंत्र सात्विक मंत्र हे इसे हरकोई कर सकता हे इस मंत्र की सिद्धि सात्विक तरीके से की जाती हे और आप घर के एकांत कमरे में भी इस मंत्र की यानि की महाकाली साधना और उपासना कर सकते हो,महाकाली तंत्र की दुसरे नंबर पर आनेवाली शक्ति हे पहले नंबर पे शिव का स्थान हे उसके निचे सब शक्ति आती हे, महाकाली की साधना करके आप बड़े तांत्रिक और बड़े अघोरी बन सकते हो फिर आपको कोई भी शक्ति की साधना करने की आवश्यकता नहीं रहेती,

    दस महाविधा में महाकाली का स्थान प्रथम हे,महाकाली की साधना दोनों तरीके से की जाती हे सात्विक और तामसिक क्रिया से आप महाकाली की साधना और उपासना कर सकते हो,

तो चलिए विस्तार से जानते हे महाकाली साधना और उपासना कैसे की जाती हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

महाकाली साधना और उपासना

मंत्र

माता महाकाली करे जगत की रखवाली

पूजे देव जिसे पूजे तीनों लोक धर्मवाली

सत्य का द्वीप जगाने वाली

पापी दुष्ट को मिटाने वाली

दुर्बल को सहारा देने वाली

धर्म का पुँज द्वीप जलाने वाली

माता महाकाली अधर्म का नाश करने वाली

जो भी नर नारी याद करें

जगत माता है माता बनकर प्यार करें

हर काम में सहारा बनकर संसार का कल्याण करें

जय जय महाकाली माता तेरी

जगत जय जयकार करे।

इति सिद्धम्!!

महाकाली साधना और उपासना

इस साधना करने के लिए आपको एक एकांत कमरे की आवश्यकता रहेगी,साधना से पूर्व कमरे को ठीक से साफ़ कर ले गंगाजल और गुलाब के इत्र का छिडकाव करे,साधना का प्रारम्भ रविवार से करे,२१ दिन की साधना हे एक बाजोथ लेकर उस पर काला वस्त्र बिछा दे और उस पर महाकाली माँ की प्रतिमा स्थापित करे,साधना के पहेले दिन माँ को सात्विक भोग लगाये,देशी गाय के घी का दीपक प्रज्वलित करे और गूगल का धुप करे फिर काली हकिक की माला से उपर्युक्त मंत्र की एक माला करे,दिन में साधक को दो बार माला जाप करना हे आप रात का ११ बजे का समय रखे और सुबह ब्रह्ममुहूर्त में एक माला करे,

२१ दिन की साधना के दरमियान साधक को हो सके उतना साधना खंड में ही रहेना हे और ब्रह्मचर्य का पालन करना जरुरी हे,साधना के दरमियान साधक को भूमि शयन करना हे और नाख़ून और बाल नहीं कटवाने हे,इस साधना करने से पहले अपने कुलदेवता यानि की इष्टदेव की आगया जरुर ले फिर इस साधना का प्रारम्भ करे,

२१ दिन के अन्दर जितने रविवार आये उतने रविवार आपको माता के नाम का उपवास रखना हे और बाकि दिनों में आपको सात्विक भोजन करना हे,दारू मांस से दूर रहे लहसुन और प्याज से दूर रहे,२१ दिन आप पूर्ण श्रद्धा और विस्वास से साधना करोगे तो आपको जरुर सिद्धि मिलेगी और महाकाली माता के आशीर्वाद आप पे जरुर बनेंगे,

इस तरह आप सात्विक साधना करके महाकाली साधना और उपासना कर सकते हो और उसकी सिद्धि हासिल कर सकते हो,साधना के आखरी दिन आपको छोटा सा दशांश हवन करना हे,महाकाली की सिद्धि के बाद आप गद्दी लगाकर दुसरे के दुःख आसानी से दूर कर सकते हो.

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