महावीर स्वामी की बात करे तो उन्होंने राज वैभव त्यागकर सन्यासी का जीवन अपना लिया था,हिंसा का त्याग करना उसका प्रतिक माना जाता हे उसके मुख्यतः ५ मंत्र हे,अहिंसा,सत्य,अपरिग्रह,असतेय और ब्रह्मचर्य,जैन धर्म का भी प्रमुख उपदेश अहिंसा हे,

महावीर स्वामी का मंत्र जाप करने से भुत प्रेत,डर,डाकिनी शाकिनी का प्रभाव दूर हो जायेगा,

महावीर स्वामी का जन्म एक खानदानी परिवार में हुआ था पैसो की भी कमी नहीं थी फिर भी उसने वो सब त्याग दिया था,महावीर स्वामी का कहना हे की तपस्या में ब्रह्मचर्य श्रेष्ठ तपस्या हे अगर ब्रह्मचर्य का पालन करना हो तो गंदे विचार को त्याग देना चाहिए और पराई स्त्री से हमेशा के लिए दूर रहेना चाहिए,स्वामीजी का कहना ये था की अगर आप कठोर ब्रह्मचर्य का पालन करते हो तो आपको तन और मन से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना जरुरी हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे महावीर स्वामी का मंत्र जाप कैसे करते हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.

महावीर स्वामी का मंत्र

मंत्र

ॐ णमौं, महावीराय नमों,

णमों अहिराणों नमणियणम्

णमों निस्तारियणम् नणाय नमः

जय निर्माणियम् नणायः नमः संसार बिन्दम नमः

जय महावीरायः नमः मुखारबिन्दम्

जगदीशाम्बरण, नमाय: णमों,

पिताम्बरम् विषणु धरतीम्

धारिणीम यूगें यूगें

जय हरिहराय: णमों

जय महावीरायाय नमः

इति सिद्धम्!!

विधि विधान

उपर्युक्त मंत्र सात्विक मंत्र हे इसलिए आपको पूर्ण रूप से सात्विक बनना पड़ेगा,इस मंत्र को जपने का कोई विधि विधान नहीं हे पर दिन में आप जितना चाहो आपसे जितना हो सके उतना जाप करना चाहिए,जब आप इस मंत्र का जाप कर रहे हो तब उन दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरुरी हे,दूध,घी,लहसुन और गुड से बनी मिठाई का भोग करना वर्जित हे,साधक को हमेशा सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए,

इस तरह आप महावीर स्वामी का मंत्र जाप कर सकते हो और उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हो.

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