मोहिनी प्रयोग

आज में साधक मित्रो के लिए दो मोहिनी प्रयोग लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप किसी को भी मोहित कर सकते हो, साधक को बस ध्यान ये रखना हे की इसका प्रयोग गलत काम के लिए ना करे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे मोहिनी प्रयोग कैसे किया जाता हे और उसका मंत्र कैसे सिद्ध होता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

मोहिनी प्रयोग

मंत्र

ॐ नमों आदेस गुरु को मोहनी जग मोहनी

मोहनी मेरो नाम ऊंचे टीबेहूं बसूं मोहूं सगरो

गाम ठग मोहूं ठाकुर कोहूं बाटका बटोही मोहूं

मोहूं कूवा की पनिहार मोहूं महलों बैठी राणी

मोहूं जोई जोई बाबा पगतरे देहु गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।

विधि-

पूर्व युक्ति सिद्ध कर फिर चौराहे में रात को ७ बार मंत्र पढ़ मस्तक पर बिन्दी लगा जाय गुड़ पर २१ बार मंत्र पढ़ के किसी के नाम सों कूप में डारे तो जल के पीते ही आकर्षण हो ।

मंत्र

बुरकी- धूली धूलेश्वरी धूली माता परमेश्वर धूली चंवती जै जै कार इनरन चोंप भरे अमुकी छाती छार छारते न हटै देता घर बार मरे तो मसान लौटे जीवे तो पाव पलोटे वाचा बांध सूती होई तो जगाय लाव माता धूलेश्वरी तेरी शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ठः ठः ठः स्वाहा।

विधि-

रविवार को जो कोई मरा हो उसकी ३ मुट्ठी राख लावे प्रथम ७ दिन शनिवार सें नित्य १४४ जाप करे धूप दीप नैवेद्य धरे मसाण की राख पर दीपक धरे उसी राख पर २१ बार मंत्र पढ़के जिसके ऊपर राखे वो निःसंदेह साथ चली आवे परिक्षा भैंस पर करले।

हमने यहाँ जो मोहिनी  प्रयोग बताए हे उसका गलत इस्तेमाल नहीं  करना हे बस आपको नैतिक कार्य के लिए ही इसका प्रयोग करना हे और जितने भी मोहिनी मंत्र हे यानि की आपने जो मोहिनी मंत्र सिद्ध किया हे उसको साल में एक बार अवश्य सिद्ध कर लेना हे ताकि मंत्र की शक्ति जागृत रहे.

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