मातंगी ध्यान

माता मातंगी शक्ति का प्रतिक हे और जल्दी प्रसन्न होने वाली शक्ति हे,मतागी माता दस महाविधा में आनेवाली शक्ति हे जब आप माता मातंगी की साधना करो तब आपको मातंगी ध्यान करना जरुरी होता हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे माता का ध्यान कैसे करे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.

माता को ध्यान में लाने के लिए निम्नलिखित ध्यान विधि का पालन कर सकते हैं:

उपास्य रूप:

सबसे पहले, अपने मन में माँ मातंगी को उपास्य रूप में स्थान दें। वह आपकी ईश्वरीय माता हैं, जो ज्ञान, शक्ति, और धैर्य का प्रतीक हैं। उनके चिन्ह, साधना, और प्रतिमा के सामने बैठें।

ध्यान के स्थान:

एक शांत और ध्यानयोग्य स्थान चुनें जहां आप बिना किसी तरह के विक्षेप के, ध्यान में स्थिर हो सकें।

आसन:

सुखासन या पद्मासन जैसे स्थिर और आरामदायक आसन में बैठें।

संकल्प:

शुरुआत में संकल्प लें कि आप माँ मातंगी के ध्यान में लगे हुए हैं और उनकी कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों।

प्राणायाम:

कुछ गहरी साँस लें और धीरे से छोड़ें। प्राणायाम में ध्यान केंद्रित करने से मन शांत होता है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है।

मंत्र जाप:

“ॐ ह्रीं मातंग्यै नमः” या “ॐ माँ मातंगी देव्यै नमः” जैसे मांत्रिक शब्दों का जाप करें। मंत्र जाप मन को एकाग्र करता है और ध्यान को स्थिर बनाता है।

माँ मातंगी की प्रतिमा या चित्र का ध्यान:

अपने सामने एक माँ मातंगी की प्रतिमा या उनके चित्र को ध्यान से देखें। उनके विशाल आभा के सामने मन को स्थिर रखें।

भावना:

माँ मातंगी के प्रति भक्ति भावना बनाएं और उनसे अपनी मनोकामनाएं साझा करें। उनसे अपने जीवन की मुश्किलें दूर करने की प्रार्थना करें और उनकी कृपा के लिए धन्यवाद अर्पित करें। अन्त में, ध्यान को धीरे से समाप्त करें और ध्यानित माँ मातंगी का आभारी भाव रखें। ध्यान से उठने से पहले अपने आप पर आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

ध्यान विधि को लगातार अभ्यास करने से आप माँ मातंगी के साथ और अधिक संबंधित महसूस कर सकते हैं। ध्यान का यह अभ्यास आपको मानसिक शांति, समरसता, और ध्यान को स्थायी बनाने में मदद कर सकता है। ध्यान के दौरान अनिश्चितता और संशय को दूर रखें और श्रद्धा के साथ इस प्रक्रिया को अनुष्ठान करें।

मातंगी ध्यान

माता का ध्यान

श्यामागीं शशिशेखरां त्रिनयनां रत्नसिंहासनस्थिताम् ।

वेदैर्बाहुदण्डरसिखेटकपाशाङ्क शधराम् ॥

साधक साधना करने से पहले इस मातंगी ध्यान अवश्य करे फिर साधना मंत्र से माता मातंगी की साधना करे.

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