आकस्मिक धन की प्राप्ति के लिए और साधक के अन्न के भंडार सदा के लिए भरा रखने के लिए उसको सर्व सम्पत्तिदायक त्रिभुवन स्वामी का मंत्र का जाप करना चाहिए और उसकी सिद्धि करनी चाहिए, कभी कभी ऐसा होता हे इन्सान रात दिन मजदूरी करता हे अपना व्यवसाय करता हे फिर भी उसके घर में अन्न और धन नहीं टिकता उसके घर में रिद्धि सिद्धि का अभाव होता हे तो ऐसी परिश्तिथि में उसको इस मंत्र का जाप और सिद्धि अवश्य करनी चाहिए,
साधक को साधना थोड़ी कठिन लगेगी पर जब आपकी साधना सफल हो जाये तब इसका फल आप खुद देख सकते हो क्योकि आज में जो मंत्र देने वाला हु वो मंत्र बहुत ही प्राचीन मंत्र हे और गुप्त मंत्र हे, ये मंत्र बिज मंत्र से बना मंत्र हे इसलिए बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे सर्व सम्पत्तिदायक त्रिभुवन स्वामी का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं
अ सि आ उ सा चुलु- चुलु
हुलु हुलु कुलु-कुलु मुलु-मुलु
इच्छियं में कुरु कुरु स्वाहा।
विधि:
यह त्रिभुवन स्वामी की विद्या है। यह मन्त्र चमेली के २४००० फूल लेकर प्रत्येक फूल पर एक-एक मन्त्र पढ़ें व भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति पर अर्पण कर दें। जाप पूरा होने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है। फिर प्रतिदिन एक माला फेरने से अन्न- धन की अपार प्राप्ति होती है।
इस मंत्र की सिद्धि के पश्यात अन्न धन की प्राप्ति होगी आकस्मिक धन की प्राप्ति होगी और गुप्त धन की भी प्राप्ति हो सकती हे, साधक को दिन में सिद्धि के बाद ५१ बार जाप अवश्य करना चाहिए,
इस तरह साधक सर्व सम्पत्तिदायक त्रिभुवन स्वामी का मंत्र सिद्ध करके अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे.
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