आज में एक ऐसा मंत्र लेकर आया हु जिसको सिद्ध करके आप धन की प्राप्ति ,सुख की प्राप्ति, वैभव की प्राप्ति और आकस्मिक धन की प्राप्ति कर सकते हो, आज में जो मंत्र दूंगा वो सर्व सिद्ध शाबर मंत्र हे इसको सिद्ध करके आप सर्व कार्य की सिद्धि हासिल कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे सर्व सिद्ध शाबर मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरन को , ईश्वर वाचा ।
अजरी बजरी बाड़ा बज्जरी, मैं बज्जरी बांधा बशो दुबार ध्वा ।
और के धालों, तो पलट हनुमन्त वीर उसी को मारे।
पहली चौकी गनपती, दूजी चौकी हनुमन्त, तीजी चौकी में भैरों,
चौथी चौकी देह, रक्षा करन कों आवें श्री नरसिंह देव जी।
शब्द सांचा, पिण्ड कांचा, चले मन्त्र ईश्वरी वाचा।
साधना:-
उपर्युक्त मंत्र हर कार्य करने की समता रखता हे इसे सिद्ध करने के लिए किसी भी शनिवार के दिन ११ माला करे ये विधि लगातार २१ दिन तक करे और साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करे मंत्र सिद्ध हो जायेगा।
प्रयोग-१
घर बाहर, देश परदेश, जंगल या श्मशान में, जहाँ कहीं भी रहें, इस मन्त्र को पढ़कर बैठे या रात में सो जाएँ, तो विर्षले जीव, हिंसक जीव, वध करनेवाले, लूटनेवाले अथवा कोई आघात करनेवाले दूर ही खड़े रहेंगे, देह को स्पर्श नहीं कर सकेंगे। मन्त्र को पढ़ते हुए अपने चारों ओर रेखा खींच ले या जल छिड़क ले , तो ‘सुरक्षा-कवच’ बन जाता है ।।
प्रयोग-२
यदि कोई व्यक्ति किसी व्याधि से पीड़ित हो, पीड़ा मारे छटपटा रहा हो अथवा अज्ञात कारणों से उसका शरीर अकड़ने लगे, मूर्छा आ जाए, तो इस मन्त्र द्वारा झाड़ देने पर वह व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ, प्रसन्न हो जाता है।किसी भी व्यक्ति को कोई महा बीमारी लगी हो तो उपर्युक्त मंत्र से ७ बार जल को अभिमंत्रित कर ले और रोगी को पिला दे व्यक्ति ठीक हो जायेगा।
प्रयोग-३
यदि किसी घर में धन, सन्तान, पशु की वृद्धि न होती हो, कोई-न-कोई आधि-व्याधि लगी रहती हो और लोग उसे अशुभ मानकर छोड़ने के लिए तैयार हों, तो उस घर में जितने द्वार हों, उतने को लोहे के कील और एक मुट्ठी उड़द की व्यवस्था करे। कीलों और उड़द के दानों को अलग-अलग उपर्युक्त मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित कर ले । फिर मन्त्र पढ़ते हुए सबसे भीतरी कमरे में प्रवेश करे और यही मन्त्र पढ़ते हुए उड़द के दाने फेंकते हुए कमरे के बाहर निकल आए तथा उसकी चौखट पर एक लोहे की कील इसी मन्त्र को पढ़ते हुए गाड़ दे।। इसी प्रकार क्रमशः प्रत्येक कमरे के भीतर जाकर उड़द फेंकते हुए बाहर आ उसकी चौखट पर कील गाड़ते हुए घर के बाहर आकर मुख्य द्वार में भी पूर्व-वत् कील ठोंक दे। आंगन पोर बरामदों में केवल उड़द के दाने बिखेरने चाहिए। मात्र इतनो क्रिया से घर के ग्रह-दोष सदा के लिए दूर हो जाते हैं।
इस तरह साधक सर्व सिद्ध शाबर मंत्र का प्रयोग करके सर्व कार्य की सिद्धि हासिल कर सकता हे.
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