रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हे और हर रुद्राक्ष की अपनी अपनी खास विशेषता हे,रुद्राक्ष सिद्ध करके गले में धारण करने से अपनी मनोकामना पूर्ण होती हे और अपने बिगड़े कार्य बन जाते हे, इस पोस्ट के जरिये आपको अष्ट मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करने की विधि लेकर आया हु तो चलिए विस्तार से जानते हे,
मंत्र
अष्ट नाम लें श्रीकृष्ण का
विष्णु के अवतार देव का
जिसने आलोकिक कलाओं से जगत जीता
अधर्म की हार हुई धर्म जीता
अष्ट मुखी रुद्राक्ष पहन कर रण जीता
कुसुमलता सी गोपियों का हृदय जीता
नर नारी बने कुण्डल जगत जीता
पूर्ण शक्ति धारण किये रण जीता।
गरि पांडवों के साथ मिले धर्म जीता
धर्म की लाज रखी पुण्य जीता
अष्ट नाम धरा के जगत जीता
कुल का किया नाम अमर गीता
धरा पर आके पूर्ण किये काम
गोकुल की मर्यादा बनी श्री बने कृष्ण धाम
श्री कृष्ण नाम धरा के युग जीता
जय जय श्री कृष्ण देव
इति सिद्धम्
सिद्ध करने का विधान
किसी भी शुभ अवसर पर उपर्युक्त मंत्र का ११ माला जाप करे आप दिवाली,होली या ग्रहण काल में इस मंत्र का जाप कर सकते हो,मंत्रजाप के समय शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक जलाये और गूगल की धुनी करे,अपने इष्टदेव का स्मरण करे और गुरु मंत्र की एक माला अवश्य करे,फिर भगवान शिव की एक माला करे शिव के मंत्र का जितना जाप करोगे उतना ही आपको फायदा होगा और मंत्र तुरंत जागृत हो जायेगा इसलिए शिव की माला करना आवश्यक हे,
प्रयोग
अष्ट मुखी रुद्राक्ष श्री कृष्ण जी का है इसे सिद्ध करें और जो भी सिद्ध करें वह सम्पूर्ण फल पावें और इस मन्त्र का मनन करें जो भी इस मन्त्र से अष्टमुखी रुद्राक्ष सिद्ध करके पहनेगा वह सांसारिक परेशानियों से तुरन्त हटेगा। उसके सोचे किये कार्य सम्पूर्ण हो जायेंगे।
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