कालकर्णिका यक्षिणी साधना सुख,वैभव और ऐश्वर्य के लिए की जाती हे, कालकर्णिका यक्षिणी साधक पर प्रसन्न होकर साधक को तमाम प्रकार के सुख और उसकी हरेक मनोकामना पूर्ण करती हे,
कालकर्णिका यक्षिणी की सिद्धि हरकोई कर सकता हे क्योकि ये साधना सात्विक साधना की श्रेणी में आती हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे कालकर्णिका यक्षिणी साधना के बारे में और उसकी सिद्धि कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे,
मंत्र
“ॐ ह्रीं क्लीं कालकर्णिके ठः ठः स्वाहा ।”
साधन विधि-
ये साधना साधक को तीन दिन में सम्पन्न करनी हे वैसे तो ये साधना एक दिन की ही हे पर आपसे अगर एक दिन में साधना ना सम्पन्न हो तो आप इसे तीन दींन में भी कर सकते हो,साधना से पूर्व आपको अपने इष्ट देव का स्मरण करना हे और उसकी आज्ञा लेकर साधना का प्रारम्भ करे,गणेश पूजन और गुरुपूजन भी करे अगर आपके पास गुरु मंत्र हे तो आप उसकी भी एक माला कर सकते हे,
गुरु नहीं हे तो कोई बात नहीं आप गुरु गोरखनाथ को अपना गुरु बना सकते हो या भोलेंनाथ को भी अपना गुरु बना सकते हो,गुरु के बिना भी साधना सम्पन्न कर सकते हो पर आप जो भी मंत्र का मंत्रजाप कर रहे हो उस मंत्र आपको पूर्ण विस्वास और श्रद्धा रखना जरुरी हे अगर विस्वास और श्रद्धा न हो तो सफलता नहीं मिलेगी,
कोई भी साधना करे आपको सुरक्षा घेरा लगाना जरुरी हे ताकि बाहरी शक्ति आपको परेशांन ना करे,साधना के दरमियन अनुभव भी होंगे पर आपको अपनी साधना में ही पूर्ण ध्यान रखना हे साधना को कभी भी खंडित ना करे,
इस मंत्र का एक लाख जप करे तथा ढाक की लकड़ी, घी और शहद का हवन करे तो ‘कालकर्णी यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को अनेक प्रकार के ऐश्वयं देती है।
इस तरह साधक कालकर्णिका यक्षिणी साधना करके सुख,वैभव और ऐश्वर्य को प्राप्त कर सकता हे.
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