जिन्न का नाम आप सब साधक मित्रो ने सुना ही होगा और वो कितना खतरनाक हे ये भी आपको पता ही होगा,एक बार जिन्न का प्रभाव पड जाये तो उसको निकालना बहुत ही मुश्किल हो जाता हे,जिस व्यक्ति पर जिन्न का प्रभाव हो उस व्यक्ति का जीना हराम हो जाता हे,आज में आपके समक्ष जिन्न उतारने का मंत्र लेकर आया हु जिसको सिद्ध करके आप जिन्न को आसानी से निकाल सकते हो और जनकल्याण के कार्य कर सकते हो,
इस मंत्र की सिद्धि से आप जिन्न, जिन्नात खविश कोई भी प्रेत आत्मा हो उसको चुटकी में निकाल सकते हो,तो चलिए विस्तार से जानते हे जिन्न उतारने का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका प्रयोग कैसे किया जाता हे उसके बारे में चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण चारिका सर्ग पाताल आंगन द्वार मंझार खाट बिछौना गडई सावनार सागलन ओ जवनार विरा सो धावे फुनेल लग्वेग सुपारी जे मुंह तेल उबटन अबटन और अबहान पहिन लंहगा साड़ी जान डोरा चोलिया चादरि ज्ञान मोह रुई ओढन झींन शंकर गोरा क्षेत्रपाला पहिले झारो बारम्बार काजल तिलक लिलार आंख नाक कान कपाल मुंह चोटा कण्ठ अबर्कष कांध बांह गोड अंगुली नख धुकधुकी अस्थल नाभि नेटी नीचे जोनि चरणि कत भेटी पोटि करि दाव जांघ पेडरी घूटा पावकर ऊपर अंगुरा चाम रक्त मांस डांड गुदा धातुओं जो नहिं छोडु अण्तरी कोठरी करेज पित ही पित जिय प्रान सब रांग कांच लोह रूप सोन साच पार पठ वशन रोज जोग कारण दशन डोठि मूठ टोना टापक नौ नाथ चौरासी सिद्ध के सराप डाइन योगिनी चुडैल भूतप्रेत व्याधिपरि जिन्न अर जेजत साच प्रकट औ भैरव की हांक, शब्द सांचा पिण्ड काचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम गुरु का।
मंत्र को सिद्ध करने का विधान
उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए आपको साधना ११ दिन की करनी पड़ेगी,काली हकिक या तस्बी की माला से उपर्युक्त मंत्र की रात १० बजे के बाद ३ माला करनी हे,साधना के दरमियाँन गूगल और लोबान का धुप करे,पुरे कमरे को साफ़ सुथरा रखे, जब तक साधना चले तब तक ब्रह्मचर्य का पालन करे और साधना खंड में स्त्री को ना आने दे,
११ दिन तक पूर्ण श्रद्धा और विस्वास के साथ साधना करे,साधना के आखरी दिन ५ कुवारी कन्या को भोजन कराये और छोटा सा हवन करे,
प्रयोग
जो व्यक्ति मानक वीर आदि जिन्न के प्रभाव से ग्रस्त हो गया है तो उपर्युक्त मंत्र से इक्कीस बार झाड़ा देते हुए गंगाजल रोगी पर छिड़क दें। कुछ दिनों के प्रयोग से ही व्यक्ति मानक वीर,जिन्न, जिन्नात और खविश के प्रभाव से मुक्त हो जाएगा।
इस तरह साधक जिन्न उतारने का मंत्र का प्रयोग करके जनकल्याण का कार्य कर सकता हे जब किसी का कार्य करो और कार्य हो जाये तो आपको एक नारियेल का भोग देना हे.
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Yea sadna me sidhi prapti kiya aishi kisiko ap jante?
hum sadhna dalte he aur jisko karni ho wo karte he fir hame koi nahi batata