आज में साधक मित्रो को तलवार बाँधने का मंत्र देने वाला हु जिसका प्रयोग करके आप तलवार की धार बाँध सकते हो,ये मंत्र इतना शक्तिशाली हे की एक बार तलवार की धार बाँध दो गे तो फिर तलवार की धार आपको नहीं लगेगी,
प्राचीन काल में लोग तलवार की धार बांधकर कई प्रकार के खेल दिखाते हे अपने शरीर पर भी तलवार मारते थे पर उसको कुछ नहीं होता था क्योकि वो तलवार बाँधने का मंत्र जानते थे उसके पास सिद्धि थी इसलिए वो ऐसा खेल करते थे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे तलवार बाँधने का मंत्र कैसे काम करता हे और इसकी सिद्धि कैसे होती हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ धार धार अधर बांधू सात बार कठै न रोम ना भीजै चीर खांड़ा की धार ले गयो हनुमंत वीर शब्द ।
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधक को स्मशान में जाकर वहा की मिटटी लेकर आना और उस मिटटी के ऊपर बैठकर साधक को लगातार ३ घंटे तक जाप करना हे ऐसा करने से मंत्र जागृत हो जायेगा यानि की मंत्र सिद्ध हो जाएगा,
प्रयोग
मारग का धूर मंत्रि के तलवार पर मारोगे तो तलवार की धार बंध जाएगी,
मंत्र २
मन्त्र धार बंध – धार धार खंड धार बांधूं ती बार उड़े लोह ना लागे घाव सीर रखै श्री गोरखनाथ राव लोह का कहा मूंज का बाण हनुमंत मेल्ही लाल यह पिंडलागे न पैनी धार शब्द ।
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र का जाप अमावस्या के दिन यानि की रात ११ बजे से रात ३ बजे तक करना हे मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
प्रयोग
मृतिका मंत्रि के अंग पर लगा के
हथियारन से खेले लड़े तो घाव न लगे ।
इस तरह साधक तलवार बाँधने का मंत्र का प्रयोग करके तलवार की धार बाँध सकता हे.
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