कभी कभी दुर्भाग्य की वजह से काम में सफलता नहीं मिलती चाहे कितनी भी महेनत कर लो हमारे महेनत की कदर कोई नहीं करता,जितना अच्छा करना चाहते हे उतना ही बिगड़ जाता हे पर आज इस पोस्ट में दुर्भाग्य दूर करने के लिए दो शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप अपने दुर्भाग्य को दूर कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे दुर्भाग्य दूर करने के लिए इस मंत्र की सिद्धि कैसे करे और इसका प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
मूक होई वाचाल, पंगु चढ़ई गिरिवर गहन ।
जासु कृपा सो दयाल, द्रवहु सकल कलिमल दहन ॥
विधि
पहले अपने इष्ट देव का पूजन करे और गणेशजी का पूजन करे फिर प्रभु राम जी की पूजा करके गुरुवार वाले दिन से कमलगट्टे की माला पर प्रातः और सायं के समय नित्य एक माला २१ दिन तक निरन्तर जपादि को सुचारू ढंग से चलायें तो प्रभु कृपा प्राप्त होगी और दुर्भाग्य का अन्त हो जाता है।
दुर्भाग्य नाशक सिद्ध मन्त्र
मंत्र
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के।
कामद घन दारिद दवारि के ॥
विधि
इस मंत्र को सिद्ध करने के आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक हे अगर ब्रह्मचर्य का व्रत टूट जायेगा तो आपकी साधना खंडित हो सकती हे,
शुक्रवार वाले दिन से स्फटिक की माला पर ११०० जप ४१ दिन तक करें ११०० जाप आप सुबह और शाम भी कर सकते हे दोनों समय में जाप करोगे तो जाप पूर्ण हो पायेगा एक समय जाप करने से आपको ज्यादा समय लग सकता हे, फिर रामायण का अखण्ड पाठ करायें तो दुर्भाग्य का अन्त हो जाता है।
दुर्भाग्य दूर करने के लिए आप इनमे से कोई भी एक मंत्र का प्रयोग कर सकते हो इस मंत्र की सिद्धि से समाज में यश,कीर्ति और सन्मान मिलेगा.
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