पारद शिवलिंग मंत्र : पारद शिवलिंग की पूजा कैसे की जाती हे?

मनोकामना पूर्ति के लिए सावन महीने में पारद शिवलिंग घर में रखना चाहिए,इस शिवलिंग की पूजा दिन में दो बार करनी चाहिए,वास्तु दोष का निवारण भी हो जाता हे,शिवलिंग की पूजाविधिर स्थापन विधि पहले कोई पंडित,तांत्रिक या अघोरी से करवा ले फिर आप पूजापाठ और मंत्र का जाप शुरू करे,

पारद शिवलिंग

मंत्र

शिव पार्वती का किया बिछोना

धरती बन गई बिछोने की काया

उन पर बैठे शिव पार्वती सत वाला

नाभि से कुंडलिनि बनकर पार्वती चली नहाने

पारद शिवलिंग मृत्युंजय बनकर लगे बहने

सुर चले पार्वती का शिव चले बहने

सात सुरो मैल हो जब पारद शिवलिंग हो गये मतवाले मैरो चले चली साथ बनकर योगिनी

दिया साथ जब मैरो जी का बनहने लगी चौसठ योगिनि पारद शिवलिंग की चढ़ गई बैल

नर नारी पूजे शिव पार्वती बैल

जगत शब्द का खेल सत की बैल

पारद शिवलिंग में अंकुर फूटे शिव

पार्वती का हो गया मैल

इति सिद्धम्

सिद्ध करने का विधान और प्रयोग

शिवलिंग के स्थापित करने के लिए यह मन्त्र लगातार 5 दिनों तक पूजा करना है और दूध से भरकर नहलाना है फिर गंगाजली में रखकर स्थापित करना है। रोजाना 108 मन्त्रों से सिद्ध करना है जहां सिद्ध करो उसी स्थान पर रखना है। स्थापना उसी जगह करनी है। यह मन्त्र मृत्युंजय है और पारद भी मृत्युंजय है। मनुष्य इस तरह से  शिवलिंग को स्थापित करेगा। वह मनुष्य शरीर के अन्दर कोई भी बीमारी नहीं हो सकती और न अकाल मृत्यु हो सकती है।

हमने आपको पहले ही बताया था शिवलिंग की स्थापना विधि किसी जानकार के पास ही कराये या अपना कोई गुरु हे तो उसके पास कराये, शिवलिंग की पूजा करने से आपको अनगिनत फायदे होंगे घर से कलेश दूर हो जायेगा,घर के सदस्य सब प्रेम भाव से रहने लगेंगे,घर में आनेवाली बाधा ख़त्म हो जाएगी,अकाल मृत्यु से बचा जा सकता हे.

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