जब बच्चे का जन्म होता हे तो तब उसको नज़र लग जाने की सम्भावना ज्यादा होती हे और वो बार बार बीमार हो जाता हे,जब वो बीमारी डाक्टर से ठीक ना हो पाए तो आपको इस मंत्र का प्रयोग जरुर करना चाहिए इस मंत्र के प्रयोग से बालक के सभी दोष और पीड़ा समाप्त हो जाती हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे बालक के सभी पीड़ा दूर करने के लिए इस मंत्र को कैसे सिद्ध करे और इसका प्रयोग कैसे करते हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ सतनाम आदेश गुरु का
आदेश पवन पानी का ॥
नाद अनाहद दुंदुभी बाजै ।
जहाँ बैठी जोगमाया साजै ॥
चौसठ योगिनी बावन वीर
बालक की हरै सब पीर ।
आठों जात शीतल जानिये। 1
बंध-बंध बारे जात मसान ॥
भूत बंध प्रेत बंध छल बंध।
छलिद्र बंध सबको मारकर भस्मन्त ॥
सतनाम आदेश गुरु का ॥
मंत्र को सिद्ध करने का विधान
जो लोग जनकल्याण करना चाहते हे दुसरे का भला करना चाहते हे या गद्दी चलाते हे उसको इस मंत्र को अवश्य सिद्ध करना चाहिए,गद्दी चलाते हे इसलिए सब लोग आपके दरबार में आयेंगे और आप इस मंत्र के जरिये बालक के सभी दोष दूर कर सकते हो, इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए २१ दिन की साधना हे ब्रह्ममुर्हुत में इस मंत्र की एक माला करनी हे साधना के समय सुगन्धित धूपबत्ती करे और गूगल की धुनी करे,साधना के दरमियान मांस मदिरा का सेवन ना करे और पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करे २१ दिन तक लगातार मंत्रजाप करने से उपर्युक्त मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
प्रयोग
इस मन्त्र को सिद्ध करके रोगी बालक का मोर पंख से झाड़ा करने पर बालक के सभी दोष समाप्त होकर बालक स्वस्थ हो जाता है।
इस तरह आप इस मंत्र को सिद्ध करके बालक के सभी दोष दूर कर सकते हो और जनकल्याण के कार्य कर सकते हो.
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