जो लोग यानि की साधक दीक्षा लेना चाहता हे सन्यासी बनना चाहता हे उस साधक को भगवा कपडा और लंगोट धारण करना अनिवार्य होता हे,जब आप भगवा वस्त्र धारण करते हे या लंगोट धारण करते हे तब उसका मंत्र का जाप किया जाता हे तब जाकर आप भगवा वस्त्र धारण कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे भगवा वस्त्र धारण करने का मंत्र और लंगोट धारण करने का मंत्र का प्रयोग कैसे होता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
भगवा वस्त्र धारण करने का प्राचीन मंत्र इस तरह हे,
“ॐ कुँडलिन्यै नमः।”
यह मंत्र कुँडलिनी शक्ति को प्रेरित करने और भगवा वस्त्र के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति को प्रोत्साहित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। कृपया ध्यान दें कि मंत्रों का प्रयोग सावधानीपूर्वक और संयम से किया जाना चाहिए, और आपको किसी धार्मिक या आध्यात्मिक गुरु की मार्गदर्शन और अनुशासन का पालन करना चाहिए।
मंत्र
ॐ भगवा वस्त्र प्रग धाम धारिणी,
वैहत्तरनाडी प्रज्जलितम्
पवित्रता मनुष्यवृती व
मयानवितवियम् शुभम् आवन्तिवियम्
ब्रह्मा विष्णु महेश्वरम् सत्यम् वर्णम
भग वस्त्रा पवित्रता मान्य वृती धर्मम
अल्पआयु सिद्धाश्रम् संस्थापकनम् संसारम् ।
इति सिद्धम्!!
साधक इस मंत्र का पाठ करते करते भी भगवा कपडा धारण कर सकता हे,
लंगोट धारण करने का मन्त्र
मंत्र
ॐ ब्रह्मचारिणी उथापथिक्तिम् बाणावर्म धारिणीम्
ब्रह्माणियम् इन्द्राणियम् वशीभुतम् प्रमाणम्
भवः सागरम् तैरातिरम् पाक्यम वस्तुवियम्
महामाया संसारम् आयूरिणी वर्मम् घटान्तरम् ब्रह्मम् हलि
रोक्ति प्रथा महायोगी जन भाक्रायान्ति सुमन
वशीभुतम् ब्रह्माण्डम् पूर्ण शरीरम् खगोलिकिकम्
पण पण धर्मम संसारम्
इति इर्धारण संसारम्
इति सिद्धम् प्रोहाष्यम्
इति सिद्धम्!!
साधक उपर्युक्त मंत्र का प्रयोग करके लंगोट को धारण कर सकता हे इस तरह साधक भगवा कपडा धारण करने का मंत्र का उपयोग करके भगवा वस्त्र धारण कर सकता हे और लंगोट धारण करने का मंत्र का प्रयोग करके लंगोट को धारण कर सकता हे.
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