आज में साधक मित्रो के लिए भुत प्रेत डाकिनी शाकिनी को जाड़ने का शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु इस मंत्र को सिद्ध करके आप भुत प्रेत डाकिनी शाकिनी और उपरी बाधा का आसानी से निवारण कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे भुत प्रेत डाकिनी शाकिनी को जाड़ने का मंत्र कैसे काम करता हे और उसकी सिद्धि कैसे होती हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र:-
नयति हनुमान जी, नित ध्यान धरूं।
सेऊं वीर हनुमान, जटा-जूट अवधूत जङ्ग जजीर ।।
लंगोट गाढ़ा भूत को बस कर, प्रत को बस कर, गदा की मार दे,
तेल सिन्दूर फल फूल पान मङ्गल चढ़े, आप देखें जब रोट होवे ।
सत्य की नाव नरसिंग सेवे, दुष्ट के लात बजरङ्ग देवे॥
तोड़ वन किवाड़ वक्त को कड़ो।
चार लाख अस्सी हजार बस कर, रावण के बीनो धड़ा-धड़ी।
सत्य वीर हनुमान, बरस बारह के जवान,
हाथ में लड्ड मुख में पान । सीता को खोजन गए,
तो मो से पतित अनाथ की नहीं करोगे का महाराज ?
हनुमन्ता गुणवन्ता गाजन्ता घोरन्ता, अगरी बैठ राज करता।
ऋद्धि लाओ, सिद्धि लाओ, राजा परजा बस कर, बड़ो वेग मेरे पास
साओ । मेरे पास बड़ी वेग नहीं लाओगे, तो माता अजनी का दूध
पिया, हलाल से हराम कराओगे। बड़ी बार बेग लाओगे, तो माता
अञ्जनी का दूध पिया हराम करोगे। यही पान का बीड़ा तुम्हारी
भेट है । जो वाचा चूके, तो उभा चुखे। मेरे हंकारे नहीं हंकोगे,
तो माता अञ्जनी की दूहाई, नरसिंह पिता की दुहाई, आदि पुरुष
की दूहाई, सती सीता की दूहाई। देवू हनुमन्ता बोर ! तेरो शक्ति,
मेरी भक्ति, फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा ।
विधि-
शनिवार से शनिवार तक हनुमान जी का पूजन कर नित्य ५ माला करे। अन्तिम दिन हनुमान जी को सिन्दूर का चोला, लंगोट, ध्वजा, नारियल आदि अर्पित करें। फिर ७ बार मन्त्र पढते हुए मोर-पिछ द्वारा झाड़ने से भूत प्रेत आदि भाग जाते हैं। (इस मंत्र सिद्ध या जाग्रत रखने के लिए साल में एक बार इसे सिद्ध करे नरक्च्तुर्दशी या ग्रहण काल में इस मंत्र को सिद्ध कर सकते हे)
इस तरह साधक भुत प्रेत डाकिनी शाकिनी के मंत्र का प्रयोग करके भुत प्रेत को और डाकिनी शाकिनी को आसानी से निकाल सकता हे.
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