आज में इस पोस्ट में आपके समक्ष भूत भगाने का मंत्र लेकर आया हु जिसकी मदद से आप भुत प्रेत को आसानी से निकाल सकते हो,
प्राय: दुर्बल शरीर के स्त्री-पुरुषों को प्रेत बहुत कष्ट देते हैं। जिसको भी ये पकड़ लेते हैं, उसे तन-मन आदि से जर्जर कर डालते हैं। कोई प्रेत तो इतना शक्तिशाली और दुष्ट होता है कि साधारण उपायों से पीछा नहीं छोड़ता। कुछ तो प्रयोक्ता तक को अपनी चपेट में ले लेते हैं। ऐसे प्रेतों से निपटारा सहज नहीं होता।
मंत्र
हाड़ के दिया चाम की बाती
धरी पछाड़ो भूत की छाती
चम्पा फूले फूले कचनार
तेहि पर भूत करे सिंगार
तर के उखरी उसकी बान
मेरे गुन उठावे बान
हमसे सरवर के करे सेयान
मियां पोखर तीन अस्थान
दुहाई बाबा मसान की
गुन बान चक्कर बान
मेरा धरती उठे बान
मेरा बान ले के मेरा गुरु के बान
छांड़ों छांड़ों दोनों जन
लोहे का सिक्कड़ बजर के किवाड़
तहां राखौँ पिण्ड प्राण
दुहाई कामरू कामाक्षा की।
मंत्र को सिद्ध करने की विधि
उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना ११ दिन की करे,शनिवार से साधना का प्रारम्भ करे,सुबह शाम भुत भगाने का मंत्र की ३ माला करे साधना के दरमियान गूगल का धुप करे,रुद्राक्ष की माला से मंत्रजाप करे मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
प्रयोग
इस शक्तिशाली मंत्र को इक्कीस बार पढ़कर, इक्कीस बार ही मोरपंख से रोगी को झाड़ा दिया जाए तो निश्चित ही भूत भाग जाता है। यह प्रयोग रविवार या मंगलवार को अधिक प्रभावशाली सिद्ध होता है। यों आकस्मिक आपदा की स्थिति में रोगी की दशा को देखते हुए कभी भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
इस तरह साधक भूत भगाने का मंत्र का प्रयोग कर सकता हे फिर चाहे कैसा भी भुत प्रेत, डाकिनी शाकिनी, जिन्न जिन्नात हो उस्को चुटकी में निकल सकता हे,जब आपका काम हो जाये तब एक नारियेल का भोग अवश्य दे.
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