भैरव कवच

भैरव कवच एक ऐसा कवच हे जिसका पाठ करके आप खुद ही इसका असर देख सकते हो, इस कवच का पाठ करके साधक अपने शरीर की रक्षा कर सकता हे,जो साधक भैरव कवच का पाठ करता हे उस व्यक्ति का मान सन्मान,यश और कीर्ति समाज में मिलती हे वो जहा जाता हे वहा उसका मान सन्मान मिलता हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे भैरव कवच का पाठ कैसे करते हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

भैरव कवच

कवच

ॐ  सहस्त्रारे  महाचक्रे   कर्पूरधवले   गुरुः |

पातु   मां  बटुको  देवो  भैरवः  सर्वकर्मसु ||

पूर्वस्यामसितांगो   मां  दिशि  रक्षतु  सर्वदा |

आग्नेयां च रुरुः पातु  दक्षिणे   चण्ड भैरवः ||

नैॠत्यां क्रोधनः  पातु  उन्मत्तः पातु पश्चिमे |

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ||

भीषणो   भैरवः  पातु   उत्तरास्यां तु सर्वदा |

संहार  भैरवः  पायादीशान्यां   च   महेश्वरः ||

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले  नन्दको  विभुः |

सद्योजातस्तु  मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ||

रामदेवो   वनान्ते   च   वने   घोरस्तथावतु |

जले तत्पुरुषः पातु  स्थले ईशान   एव   च ||

डाकिनी पुत्रकः   पातु   पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः |

हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु  लाकिनी  सुतः ||

पातु   शाकिनिका   पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः |

मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान्   गंजास्तथा ||

महाकालोऽवतु  क्षेत्रं   श्रियं  मे  सर्वतो गिरा |

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो  नित्यसम्पदा ||

विधि:-

इस कवच  का  प्रतिदिन  पाठ करने से प्रत्येक विपत्ति में सुरक्षा प्राप्त होती है| यदि योग्य गुरु के निर्देशन में इस कवच का अनुष्ठान  सम्पन्न किया जाए तो साधक सर्वत्र विजयी  होकर यश, मान,  ऐश्वर्य,  धन,  धान्य  आदि से पूर्ण होकर सुखमय जीवन व्यतीत करता है|इस कवच  का पाठ साधना करने से पहले भी कर  सकते  हे|

इस तरह साधक भैरव कवच का पाठ करके भैरव के आशीर्वाद प्राप्त कर सकता हे और साधक इस कवच का पाठ साधना करने से पहले भी कर सकता हे इस कवच को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता हे.

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