जो साधक तंत्र विधा सीखना चाहते हे कोई कठिन साधना करना चाहते हे उसके लिए ये रक्षा शाबर मंत्र रामबाण इलाज हे,बिना देह रक्षा किये अगर आप साधना करने की कोशिश करोगे तो आपको नुकसान हो सकता हे,इस मंत्र की सिद्धि अगर आपके पास हे तो आपको कोई बुरी शक्ति या आत्मा हेरान नहीं कर सकते,
तो चलिए विस्तार से जानते हे इस पोस्ट के माध्यम से की इस रक्षा शाबर मंत्र को कैसे सिद्ध किया जाता हे,
मंत्र
राम कुण्डली, ब्रह्मचाक। तेतिस कोटि देवा देवी ॥
अमुक की बेड़ियाँ। अमुकेर अंकेर ॥
बाण काटम् । शर काटम् ॥
कुज्ञान काटम् कारवणे काटे ॥
राजा रामचन्द्रेर। बाणे काटे ॥
कार आज्ञे। ऐई झण्डी ॥
अमुकेर अंगे। शीघ्र लागगे ॥
विधि :
इस मन्त्र को सिद्ध करके, फिर उच्चारण करके अपने चारों तरफ रेखा खींचने से समस्त प्रकार की व्याधियों से भय नहीं लगता है।
ताली द्वारा रक्षा के लिए मन्त्र
ॐ काली काली महाकाली इन्द्र की बेटी ॥
ब्रह्मा की साली। उड़ बैठी पीपल की डाली ॥
दोनों हाथ बजावै ताली। जहाँ जाये वज्र की ताली ॥
वहाँ न आवे दुश्मन हाली।
दुहाई कामरू कामक्षा नैना योगिनी की ॥
ईश्वर महादेव। गौरा पार्वती की ॥
दुहाई वीर मसान की ॥
सिद्ध करने की विधि
इस दोनों मंत्र को सिद्ध करने के लिए ११ दिन साधना करे,गाय के उपले के ऊपर गूगल की धुनी लगाये फिर रुद्राक्ष की माला से एक माला करे,११ दिन तक साधना करने से मंत्र जागृत हो जायेगा,
प्रयोग
जब कोई साधना करनी हो तब चप्पू से अपनी चारो तरह रेखा खीच ले तो कोई बाहरी शक्ति आपको हेरान नहीं करेगी,३ बार मंत्र बोलके ताली बजाये तो भुत प्रेत,डाकिनी शाकिनी सब भाग जाते हे,
इस तरह साधक रक्षा शाबर मंत्र को सिद्ध करके अपनी रक्षा कर सकता हे कोई भी साधना करनी हो तो आप इस मंत्र का उपयोग कर सकते हो,(ग्रहण काल या किसी शुभ अवसर पर उपर्युक्त मंत्र की ७ माला कर ले ताकि ये मंत्र जागृत रहे)
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