शिव साधना करना बहुत ही कठिन माना जाता हे क्योकि शिवजी को प्रसन्न करना बहुत मुश्किल हे, शिव एक ऐसी शक्ति हे जिसके आगे सब शक्ति नतमस्तक रहती हे,हमारे देश में ज्यादातर अघोरी लोग शिवजी की ही साधना और उपासना करते हे शिव को आप तामसिक क्रिया से और सात्विक क्रिया से प्रसन्न कर सकते हो,आज में इस पोस्ट में शिवजी के बारे में बताने वाला हु उसकी साधना कैसे होती हे उसकी उपासना कैसे होती हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करूँगा,
शिव जी की साधना सौम्य और तामसिक दोनों पद्धति से होती हे, सौम्य साधना साधारण पद्धति से संपन्न की जाती हे और शिवजी की तामसिक साधना स्मशान में की जाती हे ज्यादातर अघोरी शिवजी की तामसिक साधना करते हे।
दशानन रावण ने भी शिवजी की स्तुति की थी और भगवांन भोलेनाथ को सिद्ध किया था, भगवन शिव के कुछ मंत्र,पाठ और स्तुति से ही प्रसन्न हो जाते हे इसलिए भगवान् को भोलेनाथ कहते हे।
शिवजी का महामृत्यंजय मंत्र अकाल आने वाले मृत्यु से बचाता हे, भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हे जो हर मंत्र की और हर तंत्र की काट कर सकता हे, इस दुनिया में ऐसा कोई तंत्र नहीं ऐसा कोई जादू टोना नहीं जिसकी काट भोलेनाथ ना कर सके।
जितनी भी तंत्र क्रिया हे जितनी भी तंत्र विधा हे उसकी काट भगवान् शिव आसानी से कर सकता हे कोई भी तंत्र ऐसा नहीं हे जो शिवजी से काट ना होता हो,
शिवजी को प्रसन्न करने के लिए साधक ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कर सकता हे इस मंत्र से साधक शिवजी को प्रसन्न कर सकता हे,
शिवजी का महामंत्र
ओहम सोऽहं अजम्पा जाप
पिंड ब्रह्माण्ड में आपोआप
ओहम से मिले लक्ष्मी
सोऽहं से मिले मुक्ति
शंकर कहे सुनो पारवती सोल वाल नि एक रति!!
इस मंत्र से आप शिव जी को प्रसन्न कर सकते हो हर कार्य आसानी से कर सकते हो,ये मंत्र शिवजी का शक्तिशाली मंत्र हे और ये मंत्र शिवजी का महामंत्र हे,शास्त्रों में शिवजी के बारे में और उसके मंत्र के बारे आपको बहुत कुछ जानने को मिल सकता हे,
शिवजी के बारे में आप जितना जानो उतना कम हे क्योकि उसकी जितनी विधा हे उसके जितने मंत्र हे अगर उन सबको सिद्ध करेंगे तो हमारी पूरी जिंदगी निकल जाएगी.
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