किन्नरी की साधना करना मुश्केल नहीं हे पर इसकी सिद्धि के बाद आप इसका उपयोग किस काम में करते हो वो आपको बहुत अच्छे से ध्यान रखना पड़ता हे, किन्नरी को ज्यादातर किन्नर समाज के लोग ही सिद्ध करते हे और तांत्रिक लोग इसको सिद्ध करते हे, किन्नर को अगर आप गलत कार्य के लिए इस्तेमाल करोगे तो उसकी सिद्धि नष्ट हो सकती हे और उल्टा आपको ही नुकसान हो सकता हे, आज में साधक मित्रो के लिए सुभगा किन्नरी साधना लेकर आया हु जिसको सिद्ध करके आप सुभगा किन्नरी की सिद्धि हासिल कर सकते हो,
किन्नरी को जो साधक पत्नी के रूप में रखता हे उसकी सिद्धि पत्नी के रूप में करता हे उस साधक के ऊपर किन्नरी प्रसन्न होकर उसको इच्छित वर देती हे और दुनिया की तमाम ख़ुशी किन्नरी साधक को देती हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे सुभगा किन्नरी साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
“ॐ सुभगे स्वाहा”
साधन विधि –
साधक को चाहिए कि वह व्रत रखकर पर्वत, वन अथवा देव मन्दिर में बैठकर उक्त मन्त्र का दस सहस्त्र जप करे।
इसके फल स्वरूप ‘सुभगा किन्नरी’ साधक के समीप जाकर अपने हाथों से उसकी सेवा करती है तथा उसकी पत्नी बनकर, उसे प्रति- दिन स्वर्ण मुद्रा प्रदान करती है।
तंत्र शास्त्र के अनुसार देखा जाये तो जिस भी साधक ने किन्नरी का गलत उपयोग किया हे उस साधक को भी उसने किन्नर बना दिया हे इसलिए साधक जो भी करे सोच समजकर ही करे वरना लेने बदले देने के भी पड सकते हे,
इस तरह साधक सुभगा किन्नरी साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे और अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे और दुसरे के दुखो का निवारण भी कर सकता हे.
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