ये मंत्र रावण का तांत्रिक मारण मंत्र हे जो लोग रावण में श्रद्धा रखते हे उस पर विस्वास रखते हे उसको अपना इष्ट देव समजते हे उसके लिए ये मंत्र बहुत ही कारगर साबीत होता हे,ये मंत्र तामसिक मंत्र हे इसलिए इसका उपयोग हर कोई कर सकता हे इस मंत्र का उपयोग साधक अच्छे और बुरे काम के लिए कर सकता हे पर ध्यान ये रखना की इसका अगर बुरे काम में प्रयोग किया तो आपका ही बुरा होगा ये मेरा वादा हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे रावण का तांत्रिक मारण मंत्र कैसे सिद्ध किया जाता हे और इसका प्रयोग कैसे किया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
“लां लां लां लंकाधिपतये
लीं लीं लीं लंकेशं लूं लूं लूं लोल जिह्वां,
शीघ्रं आगच्छ आगच्छ चंद्रहास खङेन
मम अमुक शत्रुन विदारय विदारय मारय मार
काटय काटय हूं फ़ट स्वाहा”
मंत्र को सिद्ध करने का विधान
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी निर्जन स्थान पर जाये और खड़े खड़े इस मंत्र का जाप करे ये साधना २१ दिन की साधना हे २१ दिन में आपको २१००० जाप पुरे करने हे,जब आप साधना करो उससे पहले इस मंत्र को कंठस्थ कर ले और मंत्रजाप करते समय कोई भूल नहीं होनी चाहिए वो बात का अवश्य ध्यान रखे,
रावण का तांत्रिक मारण मंत्र बहुत ही खतरनाक होने की वजह से आप इस साधना को गुरु की देखरेख में करे अगर आपका कोई गुरु नहीं हे तो आप इस साधना करने से पहले अपने इष्ट देव से यानि की कुलदेवता की अवश्य इज़ाज़त ले उसके बिना इस साधना को ना करे,साधना से पूर्व हो सके इतना जाप भगवान् भोलेनाथ का करे जितनी महादेव की कृपा आप ज्यादा होगी उतना जल्दी ही ये मंत्र सिद्ध होगा क्योकि रावण भी भोलेनाथ की भक्ति करता था और साधना के आखरी दिन दशांश हवन करे,और जब इसका प्रयोग करना हो तब मंत्र में जहा अमुक शब्द आता हे वहा दुश्मन का नाम ले और एक माला करे ११ दिन के अन्दर आपका काम सफल हो जायेगा.
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