यक्षिणी,किन्नरी और भूतनी की तरह ही उर्वशी अप्सरा साधना की जाती हे, अप्सरा की सिद्धि प्राप्त करने के लिए साधक को साधना और तपस्या करने की जरुरत हे तब जाकर साधक को सिद्धि हासिल होती हे,आज में आपको उर्वशी की सिद्धि कैसे होती हे उसके बारे में विस्तार से बताने वाला हु,
उर्वशी अप्सरा की सिद्धि प्राप्त करने के लिए मंत्र विद्या, तपस्या, और साधना की आवश्यकता होती है, और ऐसे मंत्रों का गुरु या आदर्श प्राप्त करना सबसे अच्छा होता है। अप्सरा साधना और मंत्रों का उपयोग आपके चिंतन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए होना चाहिए, और इसका उपयोग उचित रूप से करना चाहिए।
अप्सरा साधना और मंत्रों का अनुशासन अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसका अवश्यकता है कि आप इसे गुरु के मार्गदर्शन में करें, जिनके पास इस क्षेत्र में ज्ञान हो।
कृपया ध्यान दें कि मंत्रों का अवश्यक उपयोग उचित तरीके से किया जाना चाहिए और किसी दूसरे को हानि पहुँचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
ध्यान और साधना के माध्यम से आप आध्यात्मिक उन्नति कर सकते हैं, और उर्वशी अप्सरा की सिद्धि प्राप्त करने की बजाय आप अपने जीवन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का उपयोग करें।
घर के एकांत कक्ष में साधना की जाती है। सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं।
तो चलिए विस्तार से जानते हे उर्वशी अप्सरा साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र-
‘ॐ श्री उर्वशी आगच्छागच्छ स्वाहा।’
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र की सिद्धि ११ दिन में होगी और दिन में आपको तीन टाइम मंत्र जाप करना हे सुबह शाम और दोपहर को आपको ११ माला करनी हे,स्फटिक की माला का प्रयोग करना हे,साधना में आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना हे ११ दिन के अन्दर अप्सरा आपके समक्ष प्रगट होकर आपको दर्शन देगी जब साधक को वो दर्शन दे तब साधक को उससे इच्छित वरदान प्राप्त कर लेना हे,
इस तरह साधक उर्वशी अप्सरा साधना करके अप्सरा की सिद्धि हासिल कर सकता हे.
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