मस्तिष्क की पीड़ा यानि की आधाशीशी ये रोग इतना खतरनाक हे की इसका इलाज कभी कभी डॉक्टर से भी नहीं होता ऐसी स्थिति में आपको तंत्र मंत्र का सहारा लेना पड़ता हे,मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए आज में आपके लिए शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप मस्तिष्क की पीड़ा को दुर कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए इस मंत्र जाप कैसे करे और उसका प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए मंत्र साधना में आपको ध्यान एवं श्रद्धा से इसका अभ्यास करना चाहिए। निम्नलिखित मंत्र साधना आपके मस्तिष्क के तनाव और पीड़ा को कम करने में मदद कर सकती है।
मंत्र:
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
साधना विधि:
एक शांत और प्राकृतिक वातावरण में बैठें।
अपने शरीर को धीरे से शांत करें और अंधकार को स्वीकार करें।
ध्यान केंद्र में मस्तिष्क को धारण करें। आप इसे अपने मस्तिष्क के ऊपरी भाग में या भगवान या उच्चतर ज्ञान के प्रतीक के रूप में चिन्हित कर सकते हैं।
अपने दिल के साथ गहरी श्रद्धा भाव से मंत्र “ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः” का जाप करें।
मन को विचलित होने न दें, बल्कि मस्तिष्क को स्पष्टता से और स्थिर ध्यान में रखें।
कुछ समय तक इस मंत्र का जाप करते रहें और अपने चिंताओं को धीरे से त्यागते रहें।
साधना के अंत में, धन्यवाद के साथ अपनी आंखें खोलें और ध्यान को समाप्त करें।
ध्यान देने वाले मन्त्र का जाप करने से मस्तिष्क की चिंताएँ और पीड़ा कम हो सकती हैं। यह साधना आपके मानसिक शांति और सुख-शांति को प्रोत्साहित करने में सहायक हो सकती है।
मंत्र
हनुमान अंगद रन गाजे। हांक सुनत रजनीचर भाजे ॥
विधि विधान
ये चौपाई हनुमानजी की बहुत ही शक्तिशाली हे इसका जाप आपको मंगलवार से करना हे स्वच्छ और स्नान्दिक होकर आपको इस चौपाई का जाप लाल चन्दन की माला लेकर करना हे कम से कम ७ दिन तक जाप करे,कैसी भी मस्तिष्क की पीड़ा हो या आधा शीशी हो रोग का निवारण हो जायेगा,
इस तरह साधक मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग करके रोग का निवारण कर सकता हे.
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