इंद्रजाल का खेल आप सबने देखा ही होगा और जादूगर का खेल भी इंद्रजाल ही बोलते हे, प्राचीन समय में जादूगर गाँव में घूमकर लोगो को इंद्रजाल का खेल दिखाते थे और अपना भरण पोषण करते थे, इंद्रजाल की विधा में बहुत सारी विधा आती हे जैसे अंडे को सोने का अंडा बनाना, अपने मुख से आग का गोला निकालना और पत्थर से पैसा पैदा करना वो सब खेल इंद्रजाल में आता हे, आज में आपको इस पोस्ट के जरिये सीसा चवाने की विधि देने वाला हु इस मंत्र की सिद्धि करके आप सीसा को आसानी से चवा सकते हो और आपको इजा भी नहीं पहुच सकती,
इंद्रजाल विधा एक ऐसी विधा हे जिसमे सिखने वालो को किसी योग्य गुरु की तलाश करनी चाहिए क्योकि उसके मार्गदर्शन में रहेकर आप ये सब इंद्रजाल के खेल सीखोगे तो आपको नुकसान नहीं हो सकता अन्यथा कुछ ऐसे प्रयोग हे जो शरीर को इजा पंहुचा सकते हे,
इंद्रजाल में साधक को अध्ययन करने की आवश्य्कता रहेती हे जितना ज्यादा अभ्यास करोगे उतना ज्यादा आपको अनुभव प्राप्त हो सकता हे, इंद्रजाल विधा सिखने के बाद आपको पहले अपने आप ही प्रयोग करना हे जब आपको लगे की में इस विधा में पारंगत हो गया हु तब जाकर आपको इस विधा लोगो के सामने लानी चाहिए,
तो चलिए विस्तार से जानते हे सीसा चवाने की विधि क्या हे और उसका प्रयोग कैसे किया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
नाई जब मसाल को बारे ।
सीसा लाकर उसमें नाखें ।
अग्नि रूप जब वह हो जावे।
अदरक रस में राखे जो कोई लेके ताहि चबावे ॥
घाव नहीं मुख आवे ।
इन्द्रजाल कर खेल तमाशा सबही के मन भावे ॥
प्रयोग
इंद्रजाल विधा तंत्र की तरह ही होती हे उसमे आपको सामग्री की आवश्यकता रहती हे और अभ्यास करने की जरुरत पड़ती हे फिर आप इंद्रजाल का खेल कर सकते हो, ऊपर जो मंत्र की तरह लगता हे वो चौपाई भी कहते हे और उस चौपाई के अन्दर ही इसका प्रयोग कैसे करे वो सब बताया गया हे,
इस तरह साधक सीसा चवाने की विधि का प्रयोग करके सीसा को चवा सकता हे और सबको इंद्रजाल का खेल दिखा सकता हे.
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