Mahakali vashikaran ज्यादातर तांत्रिक करते हे उसके अलावा आम आदमी भी कर सकता हे पर गुरु को रखना जरुरी होता हे गुरु के मार्गदर्शन में रेह्कर ये साधना करोगे तो ये साधना जल्द से जल्द अपना प्रभाव दिखाती हे.
स्मशान की क्रिया हे इसलिए स्मशान में जाना पड़ेगा और जिसका भी वशीकरण करना हो चाहे वो लड़का हो या लड़की उसकी एक ब्लैक एंड वाइट फोटो और उसका पूरा नाम होना चाहिए तो साधक इस साधना को कर सकता हे क्योकि जो माता काली का वशीकरण मंत्र हे इसमें अमुक की जगह वशीकरण करने वाले का पूरा नाम बोलना पड़ेगा और उसकी फोटो सामने रखने पड़ेगी.
मंत्र
ॐ कलिंग माँ काली महाकाली।
भद्रकाली उतिष्ट चामुंडा काली ।
(अमुकी) मम वशमानय फट स्वाहा।।
सामग्री:-
काले हकीक या रुद्राक्ष की माला, चारमुखी दीपक, सरसो का तेल, बकरे की कलेजी, लोबान का धुप, सुगन्धित इत्र और लड़की की फोटो (कम से कम ६ महीने पुरानी होनी चाहिए)
विधी:-
साधना रविवार से प्रारम्भ होगी, रविवार के दिन स्नानादिक , स्वच्छ होके रात 11 बजे स्मशान में जाना हे, उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बेठ जाये, पेहले सुरक्षा घेरा बना ले सुगन्धित इत्र छिड़क दे, चारमुखी दीपक प्रज्वलित करे, ठीक आपके सामने उस लड़की या लड़का जिसे वशमे करना चाहते हो उसकी तस्वीर रखे, लोबान का धुप करे , बकरे की कलेजी अपने पास ही रखे, फिर गणेशजी का पूजन करे, अपने कुलदेवता की एक माला करे और काम में सफलता मिले ऐसी विनंती करे, फिर Mahakali vashikaran मंत्र की 11 माला करे।
मंत्र जाप करते समय लड़की या लड़के की तस्वीर को देखते हुए मंत्र जाप करे, मंत्र के अन्दर जहा अमुक शब्द आता हे वहा लड़की का नाम बोले, मंत्रजाप पुरे करके महाकाली को भोग में बकरे की कलेजी दे , घर आते समय फोटो को स्मशान में ही रख दे ऐसी जगह पर रखे की कोई देख न पाये ये विधी 5 दिन की हे हररोज एक ही विधी रहेगी, माता काली को भोग में बकरे की कलेजी हररोज दे, और अपने मन की बात कहे, यह माता काली का मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे और ये मंत्र महाकाली मोहिनी से भी जाना जाता हे,विधी पूरी होते ही वो लड़का या लड़की 41 दिन के अंदर आपके प्यार में वशीभूत हो जायेगा (इस मंत्र का प्रयोग कोई ख़राब काम में ना करे और ये साधना बहुत ही खतरनाक हे इसलिए ये साधना गुरु की देखरेख में ही करे)
Mahakali vashikaran मंत्र सिद्ध हो जाने के बाद इसे किसी शुभ दिन पर २१ माला करके सिद्ध कर ले ताकि मंत्र जाग्रत रहे आप इसे ग्रहण काल में या नरक चतुर्दशी के दिन भी सिद्ध कर सकते हे.
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