Mahakali sadhna

Mahakali sadhna दस महाविद्या में  प्रथमं  स्थान वाली  साधना  हे,महाकाली  साधना  साधक  को सुखमय, निरोगी, और हर चिंता से  मुक्त कराती  हे, महाकाली की साधना सबसे ज्यादा अघोरी और सन्यासी करते हे।

                     महाकाली की साधना सौम्य और तामसिक रूप से की जाती हे, महाकाली की सौम्य साधना में अगर कोई बाधा आ जाये तो उसका कुछ विपरीत असर पड़ता   नहीं  हे पर  महाकाली की तामसिक साधना में  अगर कोई त्रुटि रह जाये या कोई भूल आ जाये तो उसका अंजाम साधक को भुगतना पड़ता हे।

महाकाली के भेद

१. चिन्तामणि काली, २. स्पर्शमणि काली, ३. सन्ततिप्रदा काली,

४. सिद्धि काली, ५. दक्षिण काली, ६. कामकला काली, ७. हंस काली

एवं ८. गुहय काली।

इसके   अलावा   भद्र    काली,  स्मशान   काली    और महाकाली की आराधना की जाती हे।

महाकाली के इन सब रूपों में से दक्षिणा काली का रूप सौम्य और फलदायी हे।

महाकाली साधना कैसे करे? उस सवाल का जवाब साधक को इस पोस्ट के अन्दर मिल जायेगा।

Mahakali sadhna

मंत्र

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं हीं हूं हूं महाकालिके क्रीं

क्रीं क्रीं हीं हीं हूं हूं स्वाहा ।।

साधना विधि

Mahakali sadhna करने के लिए साधना खंड को ठीक से साफ़ कर ले, पुरे साधना खंड में गंगाजल का छिडकाव करे और सुगन्धित धूपबत्ती जलाये, साधना का आरम्भ रविवार को करे, साधना का समय रात्री के ११ बजे के बाद ही रखे,सामने एक चोकी रख दे और उस पर लाल वस्त्र  बिछाकर महाकाली की प्रतिमा स्थापित करे।

काले हकिक की माला से उपर्युक्त मंत्र की ११ माला करे महाकाली की साधना २१ दिन तक करे हररोज एक ही विधि से साधना होगी, किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ये साधना करोगे तो सफलता जल्द से जल्द प्राप्त होगी।

पुष्पमाला :

अब भगवती को पुष्पमाला अर्पित करें-

पद्म  शंखज   पुष्पादि   शतपौर्विचित्रताम् ।

पुष्पमालां प्रयच्छामि गृहाण त्वं  सुरेश्वरि ।।

हे भगवति! पद्म, शंख तथा अनेक सुरुचिपूर्ण पुष्पों से

निर्मित यह माला समर्पित है,  आप प्रसन्न हों।

नैवेध

किसी पात्र में सुस्वादु भोजन सजाकर भगवती को भोग लगाये।

शर्कराघृत संयुक्त

संयुक्तं मधुरं स्वादु चोत्तम।

उपहार समायुक्त नैवेद्य प्रतिगृह्यताम् ।।

हे मातः! आपकी प्रसन्नता के लिए स्वादिष्ट  भोजन प्रस्तुत है, स्वीकार करें।

कोई भी साधना हो उसे सिद्ध करने में समय लगता हे २-३ दिन में सिद्धि हासिल करना बहुत ही कठिन काम हे इसलिए साधक को पूरी तरह से निस्वार्थ होकर साधना करनी चाहिए कभी कभी साधक ये सोचता हे की ६-७ दिन हो गए पर कोई परिणाम नहीं मिला ऐसे ६-७ दिन में कुछ नहीं होने वाला अगर सिद्धि चाहिए तो लगातार महेनत करनी पड़ेगी और विधिवत पूजा पाठ करना पड़ेगा।

महाकाली ऐसी शक्ति हे जिसकी साधना करते वक्त वो साधना को खंडित करने के लिए अलग अलग स्वरुप में दर्शाव भी दिखाती हे इसलिए साधक को अपना मन ना भटकाते हुई साधना में ही ध्यान रखना पड़ेगा और जब सिद्धि प्राप्त हो जाये तब  Mahakali sadhna का गेर-उपयोग कदापि ना करे,किसीके भले काम के लिए अपनी सिद्धि का उपयोग करोगे तो दुनिया याद करेगी।

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