Baglamukhi mrutyanjay mantra जाप हो या बगलामुखी की साधना साधक को खास सावधानी पूर्वक साधना करनी पड़ती हे, बगलामुखी मृत्युंजय मंत्र साधना में साधक को इसका जाप सवा लाख बार करना पड़ता हे तब जाके सिद्धि हासिल होती हे।
मृत्युंजय मंत्र की सिद्धि से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता हे,अगर आपके घर का सदस्य या कोई सबंधी बीमार हे तो उसको मृत्युंजय मंत्र का जाप कराये तो रोगी को राहत मिलती हे।
मंत्र:-
॥ ॐ ह्रौं ॐ जूं बगलामुखि सर्वदृष्टानां
ॐ सः ह्रीं
ॐ भू वाचं मुखं पदं स्तंभय स्तंभय
ॐ भूवः ह्रीं
ॐ स्वः कीलय कीलय
ॐ त्र्यम्बकम् ह्रीं
ॐ यजामहे बुद्धिं विनाशय विनाशय
ॐ सुगन्धिम् ह्रीं
ॐ पुष्टी धारय धारय
ॐ वर्धनम
ॐ बगलामुखी
ॐ उर्वारूक्मिव बुद्धिं विनाशय
ॐ बंधनाम् मृत्योमुक्षीय मामृतात् फट् ॥
साधना
मृत्युंजय मंत्र को सिद्ध कैसे करे? ये साधक सोच रहा होगा पर ये साधना सात्विक हे इसलिए आपको कही निर्जन स्थान या स्मशान में जाने की जरुरत नहीं हे,ये साधना कमरे में भी कर सकते हे, रविवार के दिन इस साधना का प्रारंभ करे, साधना एकांत कमरे में करे, पीले वस्त्र धारण करले, हल्दी की माला से उपर्युक्त मंत्र की २१ माला करे, साधना के दरमियान माता को नैवेध में पीले रंग के फल अर्पित करे और पीले रंग के पुष्प भी अर्पित कर सकते हे, साधना शुरू करने से पहले गुरु पूजन और गणेश पूजन जरुर करे, ये साधना कम से कम ११ दिन तक जरुर करे, साधना के आखरी दिन कुवारी कन्या को कुछ भेट दे ताकि माता जल्दी प्रसन्न हो जाये।
प्रयोग:-
उपर्युक्त साधना से साधक को दीर्घायुष्य प्राप्त होता हे अकाल मृत्यु से माता बगलामुखी बचाती हे, इस साधना सम्पन्न करने के बाद माता बगलामुखी की कृपा साधक को मिलती हे।
बगलामुखी की साधना के दरमियान ब्रह्मचर्य का पालन करना जरुरी हे जितना स्वच्छ होके साधक साधना करेगा इतना ही लाभ उसको प्राप्त होगा, मृत्युंजय मंत्र साधना से साधक काम,क्रोध और भय से मुक्त हो जाता हे और लम्बा आयुष्य प्राप्त कर लेता हे।
जब ग्रहण काल आये तब उपर्युक्त मंत्र का जाप करना चाहिए या किसी भी सुभ अवसर पर उपर्युक्त मंत्र का जाप करते रहे ताकि मंत्र हमेशा जागृत रहे।
साधक किसी दुसरे व्यक्ति के लिए या रोगी के लिए भी Baglamukhi mrutyanjay mantra का जाप कर सकता हे जो व्यक्ति रोगी हो या स्वस्थ ना रहेता हो उसके लिए भी मंत्र जाप कर सकते हे माता बगलामुखी की कृपा दृष्टी हमेशा उस पर बनी रहती हे और जल्द से जल्द उस रोगी को लम्बा आयुष्य प्रदान कराती हे।
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