जिन्न की साधना करनी हो तो पहले आपको कोई भी पीर की साधना करनी पड़ेगी अगर आपके पास कोई तांत्रिक साधना नहीं हे तो आप जिन्न की साधना ना करे क्योकि jinn sadhna करना कोई बच्चो का खेल नहीं हे अगर आप गुरु के सानिध्य में या उसकी देखरेख में जिन्न की साधना करोगे तो आपकी साधना सफल होगी वरना नुकसान खुद साधक को भुगतना पड़ेगा।
जिन्नात एक आत्मा ही हे पर ख़राब आत्मा हे,जिन्न की श्रेणी में नेक जिन्न भी आते हे पर ज्यादातर तांत्रिक उसकी साधना कम करते हे क्योकि तांत्रिक लोग अपना काम करवाने के लिए बुरी आत्मा को सिद्ध करते हे इसलिए उसकी साधना करना कोई मामूली बात नहीं हे, अगर एकबार जिन्न सिद्ध हो जाये तो समजो की आपका काम हो गया,जिन्न कठिन से कठिन कार्य को करने की क्षमता रखता हे।
जिन्न को जिन्नात जैसे नामों से भी पुकारा गया है इस्लामी अमलियात के अनुसार जिन्न एक शक्तिशाली प्रेत होता है, उसे वश में करके उससे बहुत से कार्य पूरे कराये जाते हैं। जिन्न को वश में करना सरल कार्य नहीं होता और बिरले लोग ही ऐसा कर पाते हैं।
यहाँ मैं जिन्न के विषय में एक मन्त्र दे रहा हूँ। मन्त्र अनुभव सिद्ध है। इस साधना को जिन्नात प्रत्यक्षीकरण साधना भी कहते हे।
मंत्र
“माँ बादशाह सब बादशाहों के
सफेद घोड़ा सफेद पखार
तिल पर चढ़े जिन्नों के बादशाह
बारह कोस अगारे-बारह कोस पिछारे
जो कुछ काम की कहूं वह बजा लावे
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।”
मंत्र सिद्ध करने की विधि
सर्वप्रथम स्थान के विषय में सोच लें और जिन्न की साधना घर के भीतर कभी न करे। कोई जीर्ण शीर्ण पुरानी मस्जिद-खंडहर ही चुनें। साधना का समय है- मध्य रात्रि से पूर्व और सामग्री-लोबान, धूप।
इस साधना में स्त्रियों से दूर रहे। साधना प्रारम्भ करने से पूर्व सफेद वस्त्र धारण करें। फिर लकड़ी के कोयले जलायें तथा धूप जलायें।
इसके बाद एक हजार मंत्रो का जाप करते हुए लोबान की धूनी दें। जाप के समय आँखें बन्द रखनी चाहिए।
इस प्रकार निरन्तर ४१ दिन तक जाप करने से जिन्न सफेद घोड़े पर सवार होकर साधक के सामने आता है।
जिन्न प्रगट होकर सामने आये तो कोई गभराना नहीं सिर्फ उसे वचन में बाँध लेना हे वेसे तो जिन्न भी अपनी शर्ते रखता हे पर उसकी एक भी शर्त कबुल नहीं करना हे वरना फंस जाओगे, jinn sadhna वो लोग ही करे जो तंत्र साधना का अनुभवी हो और जिसके पास कोई तांत्रिक शक्ति हो।
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