अप्सरा की साधना हमारे यहाँ यानि की भारतवर्ष में ज्यादातर तांत्रिक लोग और अघोरी लोग ही करते हे, अप्सरा की साधना करने से वो साधक का हर कार्य आसानी से कर सकती हे,मनोकामना पूर्ति के लिए और इच्छित वरदान की प्राप्ति के लिए अप्सरा की साधना की जाती हे,आज में सब साधक मित्रो के लिए अप्सरा शाबर मंत्र लेकर आया हु इसकी सिद्धि करके आप अप्सरा से हर कार्य करा सकते हो,अप्सरा की खासियत ये हे की वो वशीकरण करने में माहिर हे पर इसका गुप्त वशीकरण मंत्र किसीके पास नहीं होता,
हिन्दू पौराणिक कथाओं में अप्सरा को अलौकिक सुन्दरता और आकर्षण की प्रतीक के रूप में दिखाया गया है. यह साधना मनोकामना पूर्ति या इंद्रीय सुखों की प्राप्ति के लिए की जाती है.
अप्सरा साधना के बारे में जानकारी और मंत्र विचारशीलता, तंत्रिक गुरु या तंत्रिक पंडित से प्राप्त करनी चाहिए, क्योंकि यह शाबर मंत्र और उनकी साधना विशेष ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है. इस प्रकार की साधना करने से पहले ध्यानपूर्वक विचार करें और सावधानी बरतें, क्योंकि तंत्रिक साधनाएँ और मंत्र बिना सही जानकारी और मार्गदर्शन के कठिन हो सकते हैं और अनुचित परिणाम भी पैदा कर सकते हैं।
साधक को योग्य गुरु के मार्गदर्शन और अनुशासन में ही इस प्रकार की साधना करनी चाहिए।
तो चलिए विस्तार से जानते हे अप्सरा शाबर मंत्र कैसे सिद्ध करते हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र:-
।। ॐ आवे आवे शरमाती पुष्पदेहा प्रिया रुप आवे आवे हिली हिली मेरो कह्यौ करै, मनचिंतावे, कारज करे वेग से आवे आवे,हर क्षण साथ रहे हिली हिली पुष्पदेहा अप्सरा फट् ॐ ।।
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
साधना का प्रारम्भ अमावस्या से करे और साधना एकांत कमरे में करे,मंत्रजाप में साधक को लाल चन्दन की माला का प्रयोग करना हे,साधना से पूर्व साधक अपने कुलदेवता और गणेश पूजन करे फिर संकल्प लेकर साधना का प्रारम्भ करे हररोज ५ माला करे और ये विधि लगातार ४१ दिन तक करे साधना के दरमियाँन आप अपनी शक्ति अनुसार नैवेध और फुल अर्पण करे,साधना के बिच में साधक को विचित्र अनुभव होंगे पर डरे बिना साधना शुरू ही रखे अप्सरा साधक के सामने प्रगट होकर इच्छित वर और वरदान देती हे,
इस तरह साधक अप्सरा शाबर मंत्र को सिद्ध करके अप्सरा को सिद्ध कर सकता हे.
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