जिन्नात को भगाने

आज के समय के कई तांत्रिक पैसे के चक्कर में किसी के साथ कुछ भी कर देते हे वो सामने वाले की जिंदगी को नहीं देखते और कुछ उल्टा सीधा कर देते हे,उसके पास जो खतरनाक सिद्धि होती हे उसका गेर इस्तेमाल करके जिन्न,जिन्नात,भुत प्रेत और खविश छोड़ते हे जिससे सामने वाले व्यक्ति का जीना हराम हो जाता हे,जिस पर ऐसी क्रिया होती हे वो व्यक्ति तो हेरान होता हे पर साथ साथ अपना परिवार भी हेरान होता हे,जो तांत्रिक लोग ऐसी क्रिया करते हे और जो करवाते हे उसको भी भुगतना पड़ता हे वो लोग एक ही ज़टके में ऊपर चले जाते हे उसका बचाव कोई नहीं कर सकता,में यहाँ इस पोस्ट में आपके समक्ष जिन्नात को भगाने का हनुमान शाबर मंत्र लेकर आया हु जिसकी सिद्धि से आप जिन्न,जिन्नात,खविश और भुत प्रेत को चुटकी में निकल सकते हो,

तो चलिए इस पोस्ट में विस्तार से जानते हे जिन्नात को भगाने का हनुमान शाबर मंत्र कैसे काम करता हे और उसको कैसे सिद्ध किया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.

जिन्नात को भगाने

मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरु को हनुमंत वीर वीरन के वीर तिहारे तरकस में  नौलख तीर क्षण बायें क्षण दाहिने कबहूं आमें होय धनी गुसांई सबता अमुक की काया भंग न होय इंद्रासन दो लोक में बाहर देखे मसान हमारी या अमुकी  की देही छल छिद्र व्यापै तो जती हनुमंत की आन मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।

मंत्र को सिद्ध करने का विधान

ये मंत्र हनुमानजी का मंत्र हे इसलिए साधना में थोड़ी सावधानी रखना जरुरी हे,इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधक को २१ दिन तक साधना करना जरुरी हे,साधना का प्रारम्भ मंगलवार से करे और रात १० बजे के बाद साधना शुरू करे,गणेश पूजन और इष्ट पूजन करले फिर लाल चन्दन की माला से उपर्युक्त मंत्र की ३ माला करे,साधना के दरमियान गूगल की धुनी लगाये क्योकि गूगल हनुमानजी का प्रिय धुप हे जिससे हनुमानजी तुरंत प्रसन्न हो जाते हे,

२१ दिन तक साधक एक समय ही भोजन करे और साधना के आखरी दिन ५ कुवारी कन्या को भोजन कराये इस तरह विधि के साथ साधना करोगे तो आपकी साधना सिद्ध हो जाएगी.

प्रयोग

जिन्नादि की छाया से ग्रस्त व्यक्ति को स्वस्थ करने के निमित्त इस मंत्र को पढ़ें और अमुक की जगह रोगी पुरुष का तथा अमुकी की जगह रोगी स्त्री का नाम बोलें। एक बार पूरा मंत्र पढ़ जाएं। फिर मंत्र पढ़ते हुए रोगी स्त्री या पुरुष को सात  बार झाड़ा दें तथा पीपल के एक पत्ते पर मंत्र लिखकर वह पत्ता उसके गले में लटका दें। दो-तीन बार के प्रयोग से ही रोगी स्वस्थ हो जाएगा।

इस तरह साधक जिन्नात को भगाने का हनुमान शाबर मंत्र सिद्ध करके किसी दुखी को सुखी कर सकता हे और जनकल्याण के कार्य कर सकता हे जब कार्य हो जाये तो हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमानजी को एक नारियेल और एक लंगोट अर्पित करे.

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