कभी कभी शरीर में बदलाव के कारण या रुतुचक्र के बदलाव होने से ऐसी समस्या उत्पन्न हो जाती हे,मासिक धर्म की पीड़ा दूर करने के लिए में आपके समक्ष २ शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु दोनों मंत्र शाबर मंत्र हे और दोनों ही मंत्र से आप मासिक धर्म की पीड़ा को दूर कर सकते हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे मासिक धर्म की पीड़ा दूर करने के लिए इस मंत्र को कैसे सिद्ध करे और इसका प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो आदेश। मनसा माता का ॥
बड़ी-बड़ी अदरख। पतली-पतली रेश ॥
बड़े विष के। जल फाँसी दे ॥
शेष गुरु का। वचन न जाए खाली ॥
पिया पञ्च मुण्ड। के बाम पद ठेली ॥
विषहरी राई की दुहाई ॥
विधि
इस मंत्र की सिद्धि ११ दिन में हो जाती हे साधना का प्रारम्भ रविवार से करे रुद्राक्ष की माला से मंत्रजाप करे, सुबह और शाम एक एक माला करे साधना के समय तेल का दीपक प्रज्वलित करे जब तब मंत्रजाप शुरू रहे तब तक दीपक प्रज्वलित रहना चाहिए और साधना से पूर्व गणेशजी का पूजन करे,११ दिन तक साधना करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
इस मन्त्र को सिद्ध करके फिर थोड़ा-सा अदरख लेकर इस मन्त्र से २१ बार अभिमन्त्रित कर मासिक धर्म में होने वाली पीड़ाओं से ग्रसित स्त्री को खिलाने से मासिक पीड़ा शान्त हो जाती है।
मासिक धर्म पीड़ा स्तम्भन के लिए मन्त्र
मंत्र
आदेश श्री रामचन्द्र ॥
सिद्ध गुरु को। तोड़ें गाठ औगांठालो ॥
तोड़ दूँ लाय। तोड़ दूँ लाय ॥
तोड़ देउँ सरित। परित देकर पाय ॥
यह देखकर। हनुमंत दौड़कर आय ॥
अमुकी की देह।
शान्त हो जाय। पीरा दे भगाय ॥
श्री गुरु नरसिंह की दुहाई। आदेश आदेश आदेश ॥
मंत्र को सिद्ध करने का विधान और प्रयोग
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी निर्जन स्थान पर जाकर नग्न अवस्था में ११ माला करनि हे, काली हकिक की माला का प्रयोग करे ये साधना सिर्फ एक दिन की साधना हे,जिस भी व्यक्ति को मासिक धर्म की पीड़ा हे उस व्यक्ती को पानी को २१ बार अभिमंत्रित करके पिला दे,
इस तरह आप उपर्युक्त दोनों मंत्र का प्रयोग करके और सिद्धि हासिल करके मासिक धर्म की पीड़ा को दूर कर सकते हो.
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