इस्लामिक तंत्र कहो या मुस्लिम तंत्र कहो इन तंत्र को सिद्ध करने में आपको कुछ खास स्वच्छता का ध्यान रखना पड़ता हे,मुस्लीम तंत्र की साधना हिन्दू तंत्र से थोड़ी अलग होती हे,जितना स्वछता का ध्यान रहेगा उतना जल्दी आपको सफलता मिलेगा,मोहम्मद पीर मंत्र साधना करना आसान नहीं हे क्योकि इसके साथ बहुत सारी शक्ति चलती हे, जिन्न,जिन्नात और खविश भी चलते हे,
साधना के दरमियान आपको जरुर अनुभव होंगे क्योकि पीर जो होते हे जल्दी सिद्ध हो जाते हे पर उसके कुछ खास नियम का पालन करना अनिवार्य होता हे,जो मुस्लिम भाई हे उसको तो पता होता ही हे की साधना में कोन कोन से नियम का पालन करना पड़ता हे पर जो हिन्दू भाई हे उसको नहीं पता होता अगर कोई हिन्दू भाई मोहम्मद पीर मंत्र साधना करना चाहता हे तो उसको एकबार किसी मुस्लिम तांत्रिक को पूछ कर साधना का प्रारम्भ करना चाहिए वेसे तो हम भी यहाँ इस साधना को पूरी विधि विधान के साथ ही दे रहे हे उस नियमो का पालन करके भी आप साधना का प्रारम्भ कर सकते हे,
मंत्र
बिस्मिल्लाह रहेमान रहीम पाय धुंधरा कोट जंजीर जिस पर खेले मुहम्मदा पीर सवा मन का तीर जिस पर खेलता आवे पीर मार मार करता आवे बांध बांध करता आवे डाकिनी को बांध कुवा बावड़ी लाओ सोती को लावो पीसती को लावो पकती को लावो जल्द जावो हजरत हमाम हुसौन की जांघ से निकालकर लावो बीवी फातिमा के दामन सूं खोलकर लावो नहीं ल्यावो तो माता माचूरवा दूध हराम करे, शब्द सांचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
मंत्र को सिद्ध करने की विधि
इस मंत्र को सिद्ध कर लेने से समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। मुहम्मदा पीर का यह मंत्र नौचंदी जुमेरात की शाम में जपना शुरू करके रोजाना दस बार पढ़कर लोबान की धूप दें। इस क्रम को पूरा करते हुए जब इक्कीस जुमेरात पूरे हो जाएं तो इक्कीसवें जुमेरात को ही मुहम्मदा पीर प्रकट हो जाता है। उस समय उससे जो कुछ मांगा जाए और जो आदेश उसे दिया जाए, उसे वह अवश्य पूरा करता है।
इस साधना में आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ेगा,जूठ ना बोले और दारू मांस से दूर रहे साधना के दरमियान,
मोहम्मद पीर मंत्र साधना एक बार सिद्ध हो गई तो समजो आपके लिए कोई कार्य कठिन नहीं रहेगा आप हर कार्य को आसानी से कर सकते हो कोई भी बड़े से बड़ी तांत्रिक क्रिया आसानी से कर सकते हो.
यह भी पढ़े