कामाख्या मारण प्रयोग

मारण मंत्र बहुत सारे होते हे जैसे हनुमान मारण मंत्र बगलामुखी मारण मंत्र और महाकाली मारण मंत्र और कई सारे महेली शक्ति के मारण प्रयोग आते हे, स्मशान भैरव का भी मारण मंत्र हे जो शत्रु का पल भर में मारण कर देता हे,आज में यहाँ आपको कामाख्या मारण प्रयोग और उसका मंत्र बताने वाला हु जिसका प्रयोगरके आप शत्रु का मारण कर सकते हो,

मारण मंत्र सिद्ध करना कोई बच्चो का खेल नहीं पूरी की पूरी क्रिया स्मशान की क्रिया से होता हे मंत्र की सिद्धि और प्रयोग स्मशान में ही किया जाता हे,आजकल इन्टरनेट पर लुटेरे आपको गलत मंत्र और गलत प्रयोग देकर आपको बेवकूफ बनाते हे पर आज में यहाँ जो भी मंत्र और विधि विधान देने वाला हु एकदम सही और गुरु के मुख से दिया हुआ विधि विधान हे अगर आप इसको सही विधि विधान से करोगे तो आपको सफलता १००% मिल सकती हे,

मारण प्रयोग यानि की मारण मंत्र का प्रयोग तब जाकर करना चाहिए जब आपका दुश्मन आपको हद से ज्यादा हेरान करने लगे आपका बुरा करने लगे और किसीके समजाने के बावजूद भी न समजे तब जाकर आप मारण मंत्र का प्रयोग कर सकते हो,

तो चलिए विस्तार से जानते हे कामाख्या मारण प्रयोग कैसे होता हे और उसको कैसे चलाया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

कामाख्या मारण प्रयोग

मंत्र

ॐ  चाण्डालिनी  कामाख्या वासिनी वन दुर्गे क्लीं क्लीं ठ : ठ : स्वाहा ।  ठ

विधि :

इस  मंत्र  का  अमावस्या  को २१००० बार जप कर सिद्ध  कर  लो। फिर जब भी जरूरत हो गोरोचन व् कुमकुम से भोजपत्र पर।

‘ स्वाहा  मारय हुं अमुकं ( शत्रु का नाम ) ह्रीं फट ‘ लिख कर और इसको अभिमंत्रित करके गले में पहन ले ।शत्रु का नाश हो जायेगा।

विधि २

अगर आपको फोटो के जरिये शत्रु का नाश करना हो तो आपको इस मंत्र को पहले विधिवत सिद्ध करना होगा फिर जाकर आप इसका प्रयोग कर सकते हो,मंत्र की सिद्धि स्मशान में होगी,साधना का प्रारम्भ मंगलवार के दिन होगा और साधना समय रात्री के १२:३० बजे रहेगा वस्त्र काला रहेगा,काली हकिक की माला का प्रयोग करना हे जिस जगह पर साधना करनी हो उस जगह को पवित्र कर ले फिर उतर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाये,अपनी चारो तरफ सुरक्षा घेरा बना ले और स्मशान की जितनी शक्ति हे उसका आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु उसको एक नारियेल अर्पित करे और उसको मंत्र सिद्धि में सहायता मिले उसका आशीर्वाद मिले ऐसी प्रार्थना करे,गुरु धारण किया हो तो उसकी एक माला करे अगर गुरु न हो तो इष्टदेव की एक माला करे गणेश मंत्र की एक माला करे फिर मन में दृढ संकल्प लेकर मंत्रजाप शुरू कर सकते हे,

मंत्रजाप शुरू करने से पहले अपने सामने लाल रंग के ५ फुल रखे और गुलाब इतर का छिडकाव करे फिर आपको उपर्युक्त मंत्र की 7 माला करनी हे और माला जाप करके आपको घर वापस आ जाना हे घर आते समय आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना हे,

ये विधि आपको २१ दिन तक करनी हे और ये मंत्र और विधि विधान आपको गुप्त रखना हे २१ दिन के अन्दर आपको मंत्र सिद्धि मिल जाएगी,

प्रयोग

जब भी आप शत्रु का मारण करना चाहो तब उसका एक फोटो लेकर स्मशान में जाना हे साथ में ५१ उड़द के दाने लेकर जाना हे,स्मशान में जाकर उसके फोटो को अपने समने रखे और उड़द के दाने पर एक मंत्र बोलकर उसको अभिमंत्रित करके दुश्मन के फोटो पर दाने को फेकना हे ऐसा आपको ५१ बार करना हे अगर आप कामख्या मारण मंत्र का प्रयोग सही विधि विधान से करोगे तो शत्रु का मारण सवा तीन दिन में हो जायेगा,

(ये सब क्रिया विधि विधान गुरु मुखी हे इसको साधक को गुप्त रखना हे)

इस तरह साधक कामाख्या मारण प्रयोग करके शत्रु का मारण कर सकता हे और शत्रु से छुटकारा पा सकता हे.

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