चन्द्रिका यक्षिणी साधना करने से साधक  की सब मनोकामना परिपूर्ण हो जाती हे,चन्द्रिका यक्षिणी एक एसी यक्षिणी हे जो शीघ्र प्रसन्न हो जाती हे और तात्कालिक फल दे देती हे,

चन्द्रिका यक्षिणी को सिद्ध करने से पहले हाथ में जल लेकर कार्य का संकल्प जरुर ले आप जिस कार्य से ये साधना कर रहे हे उसका संकल्प लेना जरुरी हे,इस साधना आप वशीकरण धन प्राप्ति और मनोकामना पूर्ति हेतु साधना कर सकते हो,

इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे चन्द्रिका यक्षिणी को  कैसे सिद्ध करे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे,

चन्द्रिका यक्षिणी साधना

चन्द्रिका यक्षिणी साधना मन्त्र:-

“ॐ ह्रीं चन्द्रिके हंसः क्रीं क्लीं स्वाहा ।”

साधन विधि-

इस मंत्र को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा  से प्रारम्भ  कर,  पूर्णिमा तक ३ लाख की संख्या में तब तक जपे, जब तक कि  चन्द्रमा दीखता रहे । साधन पूरा होने पर ‘चन्द्रिका यक्षिणी प्रसन्न  होकर  साधक को  अमृत  प्रदान  करती  है  जिसे   पीकर साधक चिरंजीवी  होता है।

अगर साधक को कुछ खास कार्य चन्द्रिका यक्षिणी से करवाना हो तब यक्षिणी की सिद्धि मिल जाने के बाद आह्वाहन करे और यक्षिणी को अपना काम बताये तो यक्षिणी आपका काम और आपकी मनोकामना पूर्ण करेगी,

जब आपका काम बन जाये तो चन्द्रिका यक्षिणी को उसका भोग दे,भोग में आप बूंदी के लड्डू और सात किस्म की मिठाई का भोग अर्पित कर सकते हे बस साधक को ये ध्यान रखना हे की इस साधना का उपयोग अनैतिक काम में ना करे वरना ये शक्ति खुद साधक पर हावी हो सकती हे,इस सिद्धि का उपयोग जनकल्याण के काम ही करना हे,

ग्रहण काल हो या कोई शुभ मुर्हुत हो तब निर्जन जगह पर जाके उपर्युक्त मंत्र की २१ माला करे ताकि आपका मंत्र और सिद्धि जागृत हो जाये क्योकि साल में एकबार मंत्र को जागृत करना आवश्यक हे,

इस तरह साधक चन्द्रिका यक्षिणी साधना करके उसकी सिद्धि प्राप्त कर सकता हे और अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे.

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