आज इस पोस्ट में २ भूत बाधा नाशक मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके भुत प्रेत को हटा सकते हो,कई बार नकारात्मक शक्ति का छाया होता हे या जहा इसका वास होता हे वहा जाने से व्यक्ति को भुत प्रेत का असर हो जाता हे और कही बार दुश्मन किसीसे क्रिया कराके भुत प्रेत छोड़ता हे वो किसी तांत्रिक और अघोरी के पास जाकर ऐसी क्रिया करवाता हे तब भुत प्रेत हेरान करने लगते हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे भूत बाधा नाशक मंत्र को कैसे सिद्ध करे और उसका प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

भूत बाधा नाशक मंत्र

मंत्र

बनावें बन बीच आनन्द कन्द रघुबीर

लखे सिय सन्मुख महं होय धीर मति धीर॥

तेही समय लषणं तहं आये।

पूछहि राम लषण बुलाये ॥

बोले हरि कथन कारण तुम भाई।

इत आवत बहु विलम्ब लगाई ॥

लषण बोले गयऊँ दूरि पहारा।

देखेउ तहाँ भूत दल झारा ॥

तह एको मानुष न दिखाये।

निज आश्रम को छोड़ पराये ॥

वचन सुन हरि बान चलायउ।

भागे भूत आनन्द गिरि भयउ॥

नाम के अगनहीं भूत नहीं भार

राम के नाम से भई समुद्र पार ॥

आदेश श्री राम सीता की दुहाई।

साचा पिण्ड काचा

फुरे मन्त्र ईश्वरोवाचा ॥

विधि 

उपरोक्त मन्त्र से झाड़ा करने से भूत-प्रेत को हा जाता है। यह मन्त्र राम जी के तीर के तरह मन्त्र को विजय दशमी से २० दिन पहले करना हे ये मंत्र ३६ बला का असर दूर करता है। इस मंत्र को  हर रोज १०१ बार जप नियम पूर्वक विधि मानकर करें तभी सफलता मिलेगी जप के समय राम जी की मूर्ति अवश्य स्थापित करें।

भूतादि नाशक सिद्ध शाबर मन्त्र

मंत्र

ॐ नमो दीप मोहे। दीप जागे ॥

पवन चाले। पानी चाले ॥

शकिनी चाले। डाकिनी चाले ॥

भूत चाले। प्रेत चाले ॥

नौ सौ निन्यानवे नदी चाले।

हनुमान वीर की दुहाई ॥

मेरी भक्ति। गुरु की शक्ति ॥

फुरै मन्त्र ईश्वरो वाचा ॥

विधि

इस मन्त्र को ग्रहण में सिद्ध करके फिर सरसों के तेल का दीपक जला लें और रोगी से उसकी लौ पर देखने को कहें। इसके बाद उसके पीछे बैठकर इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए उस रोगी का २१ बार झाड़ा करें। भूतादि की सभी बाधाओं का शमन हो जायेगा।

इस तरह आप भूत बाधा नाशक मंत्र का प्रयोग करके भुत प्रेत का प्रभाव को ख़त्म कर सकते हो.

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