भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए भैरव स्तुति का पाठ किया जाता हे,साधक की मनोकामना पूर्ति के लिए भी भैरव स्तुति का पाठ किया जाता हे,भैरव को शिवजी का गण माना गया हे और भैरव हर महाविधा के साथ चलता हे कोई भी महाविधा की शक्ति भैरव के बिना नहीं चलती,भैरव एक ऐसी तांत्रिक शक्ति हे जो हर कार्य करने में सक्षम हे भैरव की साधना तामसिक और सात्विक रित से की जाती हे,
भैरव बाबा हर षट कर्म करने में माहिर हे,ज्यादातर अघोरी और तांत्रिक लोग भैरव को वशीकरण और मारण के लिए सिद्ध करते हे और भैरव उस काम को अन्य शक्ति से बहेतर करता हे, कोई भी तंत्र काट भैरव बाबा चुटकी में कर सकता हे अगर आप भी भैरव बाबा की साधन या उपासना कर रहे हो तो आपको साधना से पूर्व भैरव स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए ताकि साधना में आपको जल्द से जल्द सफलता मिले और भैरव बाबा के आशीर्वाद आपके पर सदा बने रहे,
भैरव स्तुति
ॐ जै-जै भैरवबाबा स्वामी जै भैरव बाबा।
नमो विश्व भूतेश भुजंगी मंजुल कहलावा
उमानंद अमरेश विमोचन जनपद सिरनावा।
काशी के कृतवाल आपको सकल जगत ध्यावा।
स्वान सवारी बटुक नाथ प्रभु पी मद हर्षावा। ॐ।।
रवि के दिन जग भोग लगावे मोदक मन भावा।
भीषण भीम कृपालु त्रिलोचन खप्पर भर खावा।
शेखरचंद्र कृपालु शशि प्रभु मस्तक चमकावा।
गल मुण्डन की माला सुशोभित सुन्दर दरसावा। ॐ।। नमो -नमो आनंद कंद प्रभु लट गत मठ झावा।
कर्ष तुण्ड शिव कपिल त्रयम्बक यश जग में छावा।
जो जन तुमसे लगावत संकट नहिं पावा।
छीतरमल जब शरण तुम्हारी आरती प्रभु गावा।
ॐ जै-जै भैरव बाबा स्वामी जै भैरव बाबा।
ये भैरव स्तुति बहुत ही शक्तिशाली हे इसका पाठ आप साधना के दरमियाँन और आप अन्य दिनों में भी कर सकते हे,भैरव स्तुति का पाठ करने से आपके बिगड़े कार्य बन जायेंगे और उसकी कृपा दृष्टी आप पर सदा बनी रहेगी.
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