अगर आप कोई लम्बे प्रवास या यात्रा पर जा रहे हो या घर से बहार जा रहे हो तो आनेवाले विध्न और संकटो को टालने के लिए और सभी आनेवाली बाधा को दूर करने के लिए आपको मार्ग गमन विध्न्नाशक यक्षिणी की साधना करनी चाहिए,

इस यक्षिणी की सिद्धि प्राप्त करने से ही आपके सारे बिगड़े कार्य बनने लगेंगे,इस यक्षिणी का प्रयोग राजा,प्रजा और उपरी अधिकारी को वश में करने के लिए भी किया जाता हे,इस यक्षिणी की साधना करने बैठो तो साधक को कई विचित्र प्रकार के अनुभव हो सकते हे,मार्ग गमन विध्ननाशक यक्षिणी की साधना आपको माता,बहेन या पत्नी के रूप में करनी चाहिए,इस यक्षिणी का स्वभाव बिलकुल सौम्य हे और ये हर कार्य करने की क्षमता रखती हे,

योगिनी,   किन्नरी,  अप्सरा  आदि  की  तरह   ही यक्षिणियां भी मनुष्य की समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं।  साधारणतया 36 यक्षिणियां हैं तथा उनके वर देने के प्रकार  अलग-अलग  हैं। माता,  बहन या पत्नी के रूप में उनका वरण किया जाता है।आज में आपको भोग यक्षिणी साधना देने वाला हु इस साधना को करके आप भोग यक्षिणी की सिद्धि हासिल कर सकते हो,भोग यक्षिणी साधक को भोग प्रदान करती हे,

मार्ग गमन

मंत्र

“ॐ नमो सिद्ध विनायकाय  सर्व कार्य कत्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय सर्व राज वश्यकरणाय सर्व जन सर्व स्त्री पुरुषाकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा।”

साधन विधि

इस मन्त्र का प्रतिदिन १००८ बार  जप करके  जिस कार्य को किया जाता है, वह सिद्ध होता है तथा किसी गांव को जाते समय यदि  इस मन्त्र का १००८  बार जप करके  प्रस्थान किया जाय तो, यक्षिणी की कृपा से मार्ग के सब  विघ्न  दूर  होते हैं तथा  सब कार्य सिद्ध होते हैं।

इस तरह साधक मार्ग  गमन विघ्ननाशक यक्षिणी की साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे और अपने सारे बिगड़े कार्य को सफल कर सकता हे.

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