साधक मित्र की जानकारी के हेतु में यहाँ मित्र उच्चाटन का मंत्र दे रहा हु, उच्चाटन क्रिया काले जादू की श्रेणी में आता हे इसको नहीं करना चाहिए,इस क्रिया से साधक का अहित होता हे और जिस पर उच्चाटन करते हे उसके ऊपर भी ख़राब असर होता हे,
मित्र उच्चाटन का मंत्र बहुत ही शक्तिशाली हे और तुरंत असर दिखाता हे ज्यादातर इसका उपयोग अघोरी और तांत्रिक द्वारा किया जाता हे,शत्रु पर ज्यादातर उपयोग किया जाता हे पर कुछ तांत्रिक लोग पैसे के लिए इसका गलत उपयोग कर देते हे,इस मंत्र के प्रयोग से सामने वाले व्यक्ति के बिच दुश्मनावट पैदा हो जाती हे चाहे कितने भी नजदीक हो चाहे कैसे भी मित्र हो पर इसके प्रभाव से दोनों के बिच दुश्मन भाव हो जाता हे,
तो चलिये विस्तार से जानते हे इस मंत्र की सिद्धि और उसके प्रयोग के बारे में,
मित्र उच्चाटन का मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु सत्य नाम को, बारहा सरसों तेरह राई बाट की मीठी मसान की छाई, पटक मारूं कर जल वार। अमुक फुटेन देख अमुक द्वार। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
प्रयोग
थोड़ी पीली सरसों, थोड़ी-सी राई, थोड़ी मेथी, आम तथा ढाक वृक्ष की सूखी लकड़ी ले आएं और फिर श्मशान में जाकर किसी बुझी हुई चिता की राख लाएं। अब आम और ढाक की लकड़ियों को जलाएं और सरसों, राई, मेथी और चिता की राख को परस्पर मिलाकर उपर्युक्त मंत्र को पढ़ते हुए अग्नि में एक सौ आठ बार आहुतियां दें। मंत्र में अमुक के स्थान पर मित्रों के नाम का उच्चारण करें।
इस क्रिया से दोनों में परस्पर उच्चटन हो जाएगा।
इस मित्र उच्चाटन का मंत्र का प्रयोग दुश्मन पर करना चाहिए जब आपको लगे की सब रास्ते बंध हो गए हे और समजाने के बावजूद भी नहीं समजते तब जाकर इस मंत्र का प्रयोग करना चाहिए उच्चाटन तीव्र हो जायेगा.
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