हमारे शास्त्रों में रुद्राक्ष का महत्त्व बहुत खास माना गया हे,रुद्राक्ष को सिद्ध करके गले में धारण करने से अनगिनत फायदे होते हे,किसी भी रुद्राक्ष को वेसे ही धारण करने से फायदा नहीं मिलता पर रुद्राक्ष को सिद्ध करने के बाद धारण करने से फायदा मिलता हे,
रुद्राक्ष को सिद्ध करने का जो मंत्र होता हे उस मंत्र से रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता हे फिर रुद्राक्ष को धारण किया जाता हे,
मंत्र
एकम दिशा वाहिनी धर्म प्रज्वलितम
सहस्त्रों युगों समुन्द्र मन्थन प्राजिकिता
मनुष्य धर्म पर अंकित हो शिव ज्याक्तिा
पूर्ण मनुष्य धारण करें एकादश मुखीक्ता
शुभव वैभव गता सन्तोष मनन गाता
शिव का मनन करे जगत शीश पर जुड़ जटाता
भावगता सत्य हो परमेश्वर गाता
मनुष्य जगत में आता जाता
प्रभु शिवजी के गुण गाता
एकादश मुखी रुद्राक्ष पहन कर मनुष्य मुस्कराता
जय जय शिवजी ज्ञाता
इति सिद्धम्!!
जो भी मनुष्य इस ग्यारह एकादश मुखी रुद्राक्ष को धारण करेगा उस मनुष्य को उन्नति का मार्ग इसके धारण करने से हो जायेंगे और इस मन्त्र से रुद्राक्ष सिद्ध करके मनन भी करें यह ही सच्चा शिवजी तक पहुंचने का मार्ग बतायेगा।
द्वादश मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करने का मन्त्र
मंत्र
सर्व प्रथम मनु ने द्वादश मुखी रुद्राक्ष पहनाया
पेड़ शिव ने लगाया फल जगत में आया
मनु ने द्वादश मुखी रुद्राक्ष मनुष्य पहनाया
सत्यम हो वाणी जिसकी वह प्रभु शिव कहलाया
जिसने की जगत की उत्पत्ति धर्म जगत में फैलाया
अगत चली जब मनुष्य की मनु धरती पर आया
सत की बाँधी डोर जगत मनु नाम धराया
परमेश्वर ने जग रचा मनु ने कर्म चलाया
शिवजी ने पेड़ लगाया जगत को पहनाया
मनु ने द्वादश मुखी रुद्राक्ष मनुष्य को पहनाया
जो भी मनुष्य धारण करे विधाओं का पुंज खिले।
इति सिद्धम्!!
जो भी मनुष्य इस द्वादश मुखी रुद्राक्ष को धारण करेगा उसे सम्पूर्ण विधाओं का ज्ञान हो और जीवन में शक्ति का पुंज बनकर जगत की भलाई करेगा।
नव मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करने का मन्त्र
मंत्र
नव मुखी राम नाम का होये
इससे बड़ा तीनों लोकों में न पावे
मर्यादा पुरुषोत्तम जगत में कहावे
सीता जी राम की हो जावें
गुणगान गावे जगत राम कहावे
सत्य युग से लेकर कलयुग तक अमर फल पावें
कष्ट में पड़े राम हनुमान प्रगट हो जाय
सीता बिछड़ी राम से हनुमान लंका जलावे
सीता जी का राम जी का सन्देशा पहुंचावें
हनुमान जैसा भगत तीनों लोकों में न पावें
सीता ने दिया वरदान हनुमान कुछ न मांगने पावे
मांगने से न मांगे भला सम्पूर्ण कलाक
हनुमान जी को मिल जावे
इति सिद्धम्!!
नव मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करे और जो पहने वह इस मन्त्र का मनन करे रुद्राक्ष सिद्ध 108 मन्त्र से दूध में डालकर घी की ज्योत जलाकर सिद्ध करें और हनुमान जी की मूर्ति लगाकर याद करके नवमुखी रुद्राक्ष सिद्ध करें।
पंच मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करने का मन्त्र
मंत्र
पंचम ध्वनि प्रज्वलित
मधुर गीत सुनावति
पंच सुरों में कनकल करत
उपवन पंचमुखी रुद्राक्ष प्रणवती
गाती फिरती माला जपती
शिरोमणि की ध्वजा बनती
पंचमुखी रुद्राक्ष बनकर परमेश्वर भजती
पाँच नाम परमेश्वर बनकर पूर्ण पृथ्वी विचरती
पाँच नाम देवों के लेकर ध्वनि करती
ॐ नाम लेकर ॐ नमः शिवाय करती
जय जय शिव ध्वनि करती
इति सिद्धम्!!
इस मंत्र से आप पंचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हे.
रुद्राक्ष शुद्ध करने का सिद्ध करने का मंत्र
इस मंत्र से आप कोई भी रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हो.
मंत्र
ॐ रोहणी रुद्राक्षी मनकरिन्द्री नमः
रुद्राक्षीयायाम् गंड संसारम् पारवितम्
फूल माला जडयायामी जयमीस्यामी
जमीस्यामी प्रलानी प्रलानी नमः
रुद्राक्षी बुटी सफलम् करीयामी
मूर मूरगामी यशस्वी स्वः
ज्या वूटी मोरी वाणी बुंटी
दामिनी दामिमि स्वः
रमणी रमणी नमः नमः
इति सिद्धम्!!
षष्ट मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करने का मन्त्र
इस मंत्र से आप षष्ट मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हो,
मंत्र
षष्ट मुखी देवों का भजन निराला
गावे देव षष्टमुखी रुद्राक्ष पहनकर
वेदों की देव वाणी बनकर
विधा से सरस्वती माता को भजकर
गुणों से भरकर नर नारी गाते फिरते
सतगुणों का दीप जलाकर युग युग भरमण करते
देवताओं का गुणगान करते सिद्धो को नमन करते
षष्टमुखी रुद्राक्ष पहन कर योगी भजन करते
नर नारी गाते फिरते वेदों की बाणी
सिद्धी मिले सहस्त्रों युगों की बाणी
धर्म की कणी धरती का बिछोना बनी
देव लोक में सरस्वती का हुआ निवास
पृथ्वी लोक पर षष्टमुखी रुद्राक्ष पहने नर नारी
वेदों ने मुख से देवों की गाई वाणी
इति सिद्धम्!!
सप्त मुखी रुद्राक्ष सिद्ध करने का मन्त्र
इस मंत्र से आप सप्त मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हो,
मंत्र
सन्तन की छाया में बैठे जगत धारी
पुष्प की बोछार करते देव बारी बारी
शिव की अमर गाथा गाते वेद ब्रह्मचारी
सात समुन्द्रों की गाथा गाते नर नारी
जग में अलख जगाते सिद्ध पुरुष अधिकारी
निर्भय होकर जीते बाल ब्रह्मचारी
देवों का वरदान मिले सिद्ध निरंकारी
पृथ्वी पर वास करे देवी कन्या कुआरी
शीश झुकावें सत्य काम हो बाल ब्रह्मचारी
युगों से चली रीत बहती नर नारी
सप्तमुखी रुद्राक्ष पहन कर पूजने चली देवी सारी
पुण्य की घडी आ गई धर्म की नारी
गांठ खुली सप्त रुद्राक्ष की डारी
धर्म में लीन हुई नर नारी।
इति सिद्धम्!!
इस तरह साधक रुद्राक्ष सिद्ध करने का मंत्र का प्रयोग करके रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकता हे.
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